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देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो का इनॉगरेशन किया PM मोदी ने: 13 मीटर नीचे टनल नदी के तल से, 40 सेकेंड में पूरा हो 520 मीटर का सफर /#NATIONAL

कोलकाता

प्रधानमंत्री मोदी 2 मार्च को पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोलकाता में देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन किया। यह मेट्रो जमीन से 33 मीटर नीचे और हुगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे बनी ट्रैक पड़ दौड़ेगी।1984 में देश की पहली मेट्रो ट्रेन कोलकाता उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (ब्लू लाइन) में दौड़ी थी। 40 साल बाद एक बार फिर यहीं से देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो रेल चलेगी।

इसके लिए हावड़ा स्टेशन से महाकरण स्टेशन तक 520 मीटर लंबी टनल बनाई गई है, जिसमें दो ट्रैक बिछाए गए हैं। मेट्रो ट्रेन इस टनल को 80 किमी/घंटे की रफ्तार से सिर्फ 45 सेकेंड में पार कर लेगी। इससे हावड़ा और कोलकाता की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। रोज 7 से 10 लाख लोगों का सफर आसान होगा।

मेट्रो रेल के GM पी उदय कुमार रेड्डी ने अप्रैल 2023 में इस ट्रेन में महाकरण से हावड़ा मैदान के बीच सफर किया था।

मेट्रो रेल के GM पी उदय कुमार रेड्डी ने अप्रैल 2023 में इस ट्रेन में महाकरण से हावड़ा मैदान के बीच सफर किया था।

दुनिया में सबसे गहराई में मेट्रो, इसमें 4 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं
कुछ अंडरवॉटर मेट्रो रूट ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (ग्रीन लाइन) का हिस्सा हैं। इनमें हावड़ा मैदान से एस्प्लनेड तक 4.8 किमी रूट बनकर तैयार है। इसमें 4 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं- हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन, महाकरण और एस्प्लनेड। हावड़ा स्टेशन जमीन से 30 मीटर नीचे बना है। यह दुनिया में सबसे गहराई में बना मेट्रो स्टेशन है। अभी पानी के नीचे मेट्रो रूट लंदन और पेरिस में ही बना है।

हुगली नदी के नीचे 520 मीटर की जुड़वा सुरंग में ट्रैक बनाया गया है।

हुगली नदी के नीचे 520 मीटर की जुड़वा सुरंग में ट्रैक बनाया गया है।

बोरिंग मशीनों के नाम कंपनी के कर्मचारी की बेटियों के नाम पर
कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर (प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग) सैयद मो. जमील हसन बताते हैं कि 2010 में टनल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट एफकॉन्स कंपनी को दिया। एफकॉन्स ने जर्मन कंपनी हेरेनकनेक्ट से टनल बोरिंग मशीन (TBM) मंगाईं। इन मशीनों के नाम प्रेरणा और रचना हैं, जो एफकॉन्स के एक कर्मचारी की बेटियों के नाम पर हैं।

इस प्रोजेक्ट की दो सबसे बड़ी चुनौतियां थीं। पहली खुदाई के लिए सही मिट्टी का चुनाव और दूसरी TBM की सेफ्टी। कोलकाता में हर 50 मीटर दूरी पर अलग-अलग तरह की मिट्टी मिलती है। टनल के लिए सही जगह पहचानने के लिए मिट्टी के सर्वे में ही 5-6 महीने गुजर गए। फिर 3 से 4 बार सर्वे के बाद तय हुआ कि हावड़ा ब्रिज के पास हुगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे की मिट्टी में टनल बन सकती है।

यह तस्वीर पानी के अंदर सुरंग बनाने के दौरान की है।

यह तस्वीर पानी के अंदर सुरंग बनाने के दौरान की है।

2017 में पानी में सुरंग बनाने का काम शुरू किया गया था
रीअलाइनमेंट के बाद 2017 में TBM ने पानी में सुरंग बनाना शुरू किया। हुगली के नीचे टनल की खुदाई का काम 125 दिन में पूरा होना था, लेकिन उसे 67 दिन में पूरा कर लिया गया। 1 सितंबर, 2019 को TBM चंडी सियालदह से करीब आधा किलोमीटर दूर थी, तभी एक बड़े पत्थर से टकरा गई।

इससे टनल में बड़े पैमाने पर मिट्टी भर गई और बहू बाजार की कई इमारतें क्षतिगस्त हो गईं। इस घटना ने सभी को हिलाकर रखा दिया था। सैकड़ों परिवारों को होटलों में शिफ्ट करना पड़ा। हाईकोर्ट ने काम रोक दिया। जब कुछ महीने कोई धंसाव नहीं हुआ तो फरवरी 2020 में फिर काम शुरू हुआ।

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1-2 मार्च को भी बंगाल में थे मोदी

1 मार्च को कोलकाता के राजभवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुलाकात हुई।

1 मार्च को कोलकाता के राजभवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुलाकात हुई।

इससे पहले PM मोदी 1 और 2 मार्च को पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने हुगली और नदिया जिले में जनसभा को संबोधित किया था। PM ने तब कहा था कि बंगाल में स्थिति ये है कि यहां पुलिस नहीं, बल्कि अपराधी तय करते हैं कि उन्हें कब सरेंडर करना है, कब गिरफ्तार होना है।

पीएम ने कहा था कि राज्य सरकार चाहती ही नहीं थी कि संदेशखाली का गुनहगार कभी गिरफ्तार हो, लेकिन ये तो बंगाल की नारी शक्ति दुर्गा बनकर खड़ी हो गई। भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता उनके साथ खड़ा हो गया, तब मजबूरन सरकार को झुकना पड़ा।

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