नई दिल्ली
पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव और बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। पतंजलि के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने याचिका लगाई है।
पतंजलि भ्रामक विज्ञापन केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले 2 अप्रैल को हुई सुनवाई में पंतजलि की तरफ से माफीनामा जमा किया गया था। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच ने फटकार लगाते हुए कहा था, कि ये माफीनामा सिर्फ खानापूर्ति के लिए है। आपके अंदर माफी का भाव नहीं दिख रहा।
एक दिन पहले यानी 9 अप्रैल को बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने नया एफिडेविट फाइल किया। जिसमें पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि इस गलती पर उन्हें खेद है और ऐसा दोबारा नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की ओर से 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया।
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