कोलारस। कोलारस की भाटी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम हिनोतिया एवं बछौरिया के बीच नदी पर वर्ष 2020 में 70 लाख की लागत से चेकडैम का निर्माण किया गया था। यह महज एक साल के अंतराल में पहली ही बारिश में फूट गया। इतना ही नहीं निर्माण के नाम पर ठेकेदार द्वारा 27 लाख 10 हजार रुपये की राशि भी निकाली जा चुकी है। साथ ही ठेकेदार ने इसका काम भी पूरा होना बताया गया है। निर्माण के समय ठेकेदार द्वारा नदी और नालों की घटिया रेत का इस्तेमाल किया गया है जिस कारण से चेकडैम अपना अस्तित्व नहीं बचा सका। चेकडैम में लगाई गई घटिया रेत की लैब में जांच कराई जाए तो स्थिति स्वतः सामने होगी। हैरानी की बात यह है कि लाखों रुपये के चेकडेम बह जाने के बाद भी विभाग ने इसे जांच या कार्रवाई की जद में नहीं मिला है। बल्कि बाढ़ की आढ़ लेकर भ्रष्टाचार का छिपाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि यह आरईएस विभाग का पहला मामला नहीं है जब इस तरह का घटिया निर्माण सामने आया है। कई चेकडेम इसी तरह बह रहे हैं।
कोलारस में आरईएस विभाग द्वारा समस्त ग्राम पंचायतों में जो निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। उन सभी निर्माण कार्यों में कोलारस तहसील के क्षेत्रीय नेताओं के लोग हैं। जनप्रतिनिधियों की पसंद के ठेकेदार होने की वजह से निर्माण की गुणवत्ता से समझौता किया जाता है। कमीशन के फेर में अधिकारी भी इसमें हस्तक्षेप नहीं करते हैं। इसके बाद कुछ साल में निर्माण बह जाता है और फिर मामला आया गया होकर रह जाता है। इसमें जिला स्तर के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
Be First to Comment