नई दिल्ली

ED की रेड के बीच AAP सांसद एनडी गुप्ता और बिभव कुमार के घर पर सुरक्षाबल तैनात हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पर्सनल सेक्रेटरी बिभव कुमार और AAP के कोषाध्यक्ष और सांसद एनडी गुप्ता के घर पर मंगलवार (6 फरवरी) को ED की रेड हुई है। दिल्ली में AAP नेताओं और उनसे जुड़े लोगों के करीब 10 ठिकानों पर जांच एजेंसी तलाशी ले रही है। ED की यह कार्रवाई दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हो रही है।
इससे पहले 31 जनवरी को इसी मामले में ED दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा और कॉन्ट्रैक्टर अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार कर चुकी है। जगदीश अरोड़ा और अनिल अग्रवाल को 1 फरवरी को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों को 5 फरवरी तक ED की हिरासत में भेजा दिया।
CBI ने जुलाई 2022 में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले में FIR दर्ज की थी। CBI के FIR को आधार बनाकर ED ने दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं के दो अलग-अलग मामलों की जांच शुरू की। आज के छापे इसी मामले से जुड़े हुए हैं।

1 फरवरी को कोर्ट में पेशी के दौरान जगदीश कुमार अरोड़ा (सफेद जैकेट) और अनिल अग्रवाल की तस्वीर।
दोनों मामले सिलसिलेवार समझें..
1. पहला मामला
- CBI की FIR में आरोप लगाया गया था कि दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने NKG इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को करीब 38 करोड़ रुपए में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर की इंस्टॉलेशन, सप्लाई और टेस्टिंग का टेंडर जारी किया था।
- जुलाई 2023 में ED ने दिल्ली-NCR, केरल और तमिलनाडु में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी और कुछ निजी संस्थाओं के अधिकारियों के 16 ठिकानों पर छापेमारी की। ED ने 24 जुलाई 2023 और 17 नवंबर 2023 को सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें कई अहम दस्तावेज और सबूत जब्त किए।
- इस दौरान पता चला कि जो काम NKG इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिया गया, वह उसके लिए टेक्निकल एलिजिबिलिटी को पूरा नहीं करती थी। NKG इंफ्रास्ट्रक्चर ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाकर टेंडर हासिल की। जगदीश कुमार अरोड़ा को इसकी जानकारी थी।
- ED की जांच में सामने आया कि टेंडर मिलने के बाद NKG इंफ्रास्ट्रक्चर ने अनिल कुमार अग्रवाल की कंपनी इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को भी भागीदार बनाया। अनिल कुमार अग्रवाल ने इसके बदले जगदीश कुमार अरोड़ा को कैश और बैंक खातों में लगभग 3 करोड़ रुपए दिए। कुछ कैश जगदीश कुमार अरोड़ा के एक करीबी को भी मिला।
- ED को जगदीश कुमार अरोड़ा की कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी भी मिली, जो जगदीश अरोड़ा अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से मैनेज कर रहा था।
2. दूसरा मामला
- दिल्ली जल बोर्ड के बिल पेमेंट के भुगतान के लिए जगह-जगह ऑटोमैटिक मशीन लगाई जानी थी। मशीन लगाई भी गई और बिल के भुगतान भी हुए, लेकिन ये पैसा दिल्ली जल बोर्ड के अकाउंट में कभी जमा नहीं हुआ।
- मेसर्स फ्रेशपे आईटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स ऑरम ई-पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पहले 3 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। समय-समय पर कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाया गया। इसके बावजूद कंपनी की तरफ से जल बोर्ड को कभी पेमेंट नहीं दी गई।
- जांच में ये भी सामने आया कि नोटबंदी के दौरान करीब 10 करोड़ 40 लाख की पेमेंट एक साथ की गई, लेकिन वो भी जल बोर्ड तक नहीं पहुंची। इस मामले में जल बोर्ड को करीब 14 करोड़ 41 लाख का घाटा हुआ। ये पैसा अभी भी कंपनी के पास बकाया है।
- इंटरपूल एक्सचेंज के तहत केजरीवाल के पर्सनल सेक्रेटरी बिभव कुमार को दिल्ली जल बोर्ड का बंगला दिया गया था। जबकि वो सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। इस मामले में 2023 में विजिलेंस ने पूछताछ शुरू की थी।
आतिशी बोलीं- ED की जांच में घोटाला
ED की रेड के बीच दिल्ली की मंत्री और AAP नेता आतिशी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- भाजपा हमें दबाना चाहती है, लेकिन हम डरेंगे नहीं। घोटाला हमने नहीं किया। असल में ED की जांच में ही घोटाला है। ED ने शराब नीति मामले में गवाहों के बयानों में फर्जीवाड़ा किया।
आतिशी ने दावा किया कि शराब घोटाले में ED ने इन्वेस्टिगेशन के बाद सारे ऑडियो फुटेज डिलीट कर दिए। जिनसे भी बयान लिए गए, उन्होंने कहा कि उनसे दबाव में बयान दिए। आतिशी ने पूछा कि ED ऑडियो डिलीट करके किसे बचाना चाहती है। आपने देश-कोर्ट के सामने जितने सवाल-जवाब किए हैं, उनमें से कितने के ऑडियो आपके पास मौजूद हैं।
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