इंदौर। सीएमएचओ डॉ़ एचएन नायक ने बताया कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग 18 जनवरी तक अभियान चलाएगा। स्वास्थ्य विभाग की तीन सदस्यीय टीम ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में जाकर बच्चों की जानकारी लेकर जांच करेगी। टीम में एक एएनएम, आशा कार्यकर्ता व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगी। शहरी क्षेत्र में 110 व ग्रामीण क्षेत्र में 90 टीम इस अभियान के तहत बनाई गई है जो नियमित जांच कर रोजाना जिला नोडल अधिकारी को जानकारी देंगे।
यह होती है कंगारू मदर केयर
कंगारू मदर केयर में नवजात को शरीर से लगाकर उसे गर्मी दी जाती है, जिससे उसे ठंड से बचाते हुए सामान्य तापमान मिल सके। यह निमोनिया से बचाने में भी कारगर होता है। जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, गांव व वार्ड में बेबी वार्मर उपलब्ध नहीं है वहां पर इसकी उपयोगिता अधिक हो जाती है। माता-पिता के अलावा परिवार के अन्य सदस्य भी कंगारू मदर केयर से नवजात की देखरेख कर सकते हैं।पहले चरण में 4 लाख 90 हजार बच्चों की हुई जांचजिला टीकाकरण अधिकारी प्रवीण जड़िया ने बताया कि 15 जून से 15 जुलाई तक अभियान का प्रथम चरण आयोजित किया था। इसमें 4 लाख 90 हजार बच्चों की जांच हुई थी। 4 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी थी। 351 कुपोषित बच्चों में से 177 बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा। 350 बच्चों में खून की कमी पाए जाने पर उन्हें रेफर किया था।
अमला कम, शासन को लिखा पत्र
अमले की कमी के कारण प्रोग्राम प्रभावित ना हो इसके लिए विभाग ने शासन को पत्र लिखा है। जिला टीकाकरण अधिकारी के अनुसार जिले में आठ लाख की आबादी पर ही आंगनवाड़ी व आशा कार्यकर्ता है। इसमें 450 आशा कार्यकर्ता व 715 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है। बचे हुए 16 लाख की आबादी के लिए सिर्फ एएनएम ही है। एक व्यक्ति के लिए जांच का काम आसान नहीं होगा इसीलिए ग्रामीण क्षेत्र से आशा कार्यकर्ता व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की ड्यूटी लगाने व इस अभियान की अंतिम तारीख आगे बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है।
इस तरह की होगी जांच
– बच्चों में कुपोषण जांच कर उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र भेजना।
– 6 माह से 5 साल तक के बच्चों में खून की कमी जांचना।
– निमोनिया की जांच कर उपचार के लिए रेफर करना।
– दस्त रोग की जांच कर ओआरएस पैकेट व जिंक गोली वितरण।
– बच्चों में जन्मजात विकृति की पहचान कर अन्य बीमारियों की जांच।
– 9 माह से 5 साल के बच्चों को विटामिन ए की खुराक देना।
– स्तनपान व उचित आहार की जानकारी उपलब्ध करवाना।
– कम वजन के शिशुओं की जांच कर देखभाल की सलाह देना।
– एसएनसीयू से डिस्चार्ज हुए बच्चों का फॉलोअप लेना।
– कंगारू मदर केयर के बारे में जानकारी देना।
फैक्ट फाइल
5 – लाख बच्चों की होगी जांच।
200 – टीम बनाई विभाग ने।
1400 – कर्मचारी अभियान में करेंगे सहायता।
12 – प्रकार से होगी बच्चों की जांच।
1 – माह तक शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में होगी जांच।
Be First to Comment