रायपुर। राजधानी के इंडोर स्टेडियम में सेना के अफसर
उस समय दंग रह गए जब उन्होंने देखा कि नक्सली प्रभावित क्षेत्र सुकमा,
बीजापुर समेत कई जनपदों के युवाओं ने डाइट में तीनों टाइम चावल खाया, फिर
भी उनकी बॉडी स्लिम है। यह युवा डेढ़ किलोमीटर दौड़े भी और लिखित परीक्षा
में पास होकर भारतीय नौ सेना के लिए चयनित हो गए।
बुधवार को दूसरे
दिन भारतीय नौ सेना भर्ती के लिए 88 युवाओं का चयन हुआ है। पहले दिन 56
लोगों के शारीरिक दक्षता पास कर लेने के बाद अब चयनित युवाओं की संख्या 144
हो चुकी है। भारतीय नौ सेना के विभिन्न पदों (ट्रेड्समैन) के लिए 250
युवाओं का चयन होना है। गुरुवार को भर्ती का अंतिम दिन है।
बुधवार को
इंडोर स्टेडियम में सुबह 5.30 बजे से सेना अफसर उम्मीदवारों की परीक्षा
लेने में जुटे रहे। प्रदेश से शामिल ज्यादातर युवाओं ने लिखित परीक्षा पास
की। बाद में जब शरीरिक दक्षता की बारी आई उसमें भी बेहतर परिणाम देखकर
मेडिकल अफसर भी चौंक गए।
छत्तीसगढ़ के सुदूर बस्तर, सुकमा, बीजापुर
जैसे क्षेत्रों से तीन टाइम चावल खाकर पेट भरने वाले युवा स्लिम दिखाई दिए।
घने जंगलों में रहकर इन युवाओं ने अपनी बॉडी को फुर्तीला बनाया। कैंप में
आए विक्रम और राजेश ने कहा, शरीर को मजबूत बनाने और किसी चीज की जरूरत ही
नहीं पड़ी। बीजापुर, सुकमा में रहकर चावल ही उनके डाइट प्लान का हिस्सा था।
शरीर के कभी भी फैट होने की चिंता नहीं थी।
चिल्का में होगी ट्रेनिंग
चयन
होने के बाद जवानों की ट्रेनिंग ओडिशा के चिल्का में होगी। चिल्का झील के
नजदीक भारतीय नौ सेना का सेंट्रल कैंप है। यहां से जवानों को देश की
सुरक्षा के मानकों के बारे में बताकर उन्हें व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया
जाएगा।
फिजिकल पास मतलब 85 फीसदी सफलता
लिखित
परीक्षा में पास होने वालों को फिर शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करने होगी।
इसके बाद उम्मीदवार मेडिकल टेस्ट के लिए चयनित होंगे। मेडिकल टेस्ट तक
पहुंचने का मतलब उम्मीदवार सेना में जाने 85 फीसदी फिट हैं।
जनसंख्या के हिसाब से पद
सेना
में देशभर की जनसंख्या के अनुपात के हिसाब से पदों की संख्या भरी जा रही
है। सेना अफसरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ से 250 युवाओं का चयन होना है। इसके
लिए 3 हजार उम्मीदवारों को आमंत्रित किया गया है।
सेना भर्ती के लिए यह जरूरी
– 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके युवाओं को पात्रता।
– रसायन, जीव विज्ञान, कंप्यूटर साइंस का ज्ञान होना जरूरी।
– 16 सौ मीटर की दौड़, 7 मिनट में पूरा करना जरूरी।
– 157 सेमी शरीर की लंबाई होना चाहिए।
– 5 सेंटीमीटर ज्यादा फुला सीना होना चाहिए।
मेडिकल टेस्ट की रिपोर्ट बाकी
लिखित
और फिजिकल टेस्ट के बाद उम्मीदवारों के मेडिकल टेस्ट होने बाकी है। दूसरे
दिन 88 युवाओं का चयन मेडिकल टेस्ट के लिए किया गया। प्रदेश से आए युवाओं
का उत्साह देखते बनता है।
– एओ लारी, सहायक प्रभारी, नौ सेना भर्ती
चावल खाना वजन घटाने में फायदेमंद
अमेरिका
के नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एक्जामिनेशन सर्वे (एनएचएएनईएस) के
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के आधार पर माना है कि चावल न सिर्फ पोषक तत्वों
से भरपूर है बल्कि वजन घटाने में भी मददगार हो सकता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, डाइट में संतुलित मात्रा में चावल के सेवन से खाने की गुणवत्ता बढ़ती, वजन घटता है और अधिक पोषण मिलता है।
पोषक
तत्वों से भरपूर प्रमुख शोधकर्ता थेरेसा निकलस के अनुसार, चावल में
पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, फोलेट और फाइबर जैसे पोषक तत्व अधिक मात्रा
में हैं जबकि इसकी तुलना में सैचुरेटेड फैट्स और शुगर कम मात्रा में है।
इसलिए इसका सेवन वजन पर नियंत्रण से लेकर पोषण के लिहाज से हर तरह से
फायदेमंद है। यह शोध फूड एंड न्यूट्रिशन साइंसेज जर्नल में प्रकाशित हुआ।
उस समय दंग रह गए जब उन्होंने देखा कि नक्सली प्रभावित क्षेत्र सुकमा,
बीजापुर समेत कई जनपदों के युवाओं ने डाइट में तीनों टाइम चावल खाया, फिर
भी उनकी बॉडी स्लिम है। यह युवा डेढ़ किलोमीटर दौड़े भी और लिखित परीक्षा
में पास होकर भारतीय नौ सेना के लिए चयनित हो गए।
बुधवार को दूसरे
दिन भारतीय नौ सेना भर्ती के लिए 88 युवाओं का चयन हुआ है। पहले दिन 56
लोगों के शारीरिक दक्षता पास कर लेने के बाद अब चयनित युवाओं की संख्या 144
हो चुकी है। भारतीय नौ सेना के विभिन्न पदों (ट्रेड्समैन) के लिए 250
युवाओं का चयन होना है। गुरुवार को भर्ती का अंतिम दिन है।
बुधवार को
इंडोर स्टेडियम में सुबह 5.30 बजे से सेना अफसर उम्मीदवारों की परीक्षा
लेने में जुटे रहे। प्रदेश से शामिल ज्यादातर युवाओं ने लिखित परीक्षा पास
की। बाद में जब शरीरिक दक्षता की बारी आई उसमें भी बेहतर परिणाम देखकर
मेडिकल अफसर भी चौंक गए।
छत्तीसगढ़ के सुदूर बस्तर, सुकमा, बीजापुर
जैसे क्षेत्रों से तीन टाइम चावल खाकर पेट भरने वाले युवा स्लिम दिखाई दिए।
घने जंगलों में रहकर इन युवाओं ने अपनी बॉडी को फुर्तीला बनाया। कैंप में
आए विक्रम और राजेश ने कहा, शरीर को मजबूत बनाने और किसी चीज की जरूरत ही
नहीं पड़ी। बीजापुर, सुकमा में रहकर चावल ही उनके डाइट प्लान का हिस्सा था।
शरीर के कभी भी फैट होने की चिंता नहीं थी।
चिल्का में होगी ट्रेनिंग
चयन
होने के बाद जवानों की ट्रेनिंग ओडिशा के चिल्का में होगी। चिल्का झील के
नजदीक भारतीय नौ सेना का सेंट्रल कैंप है। यहां से जवानों को देश की
सुरक्षा के मानकों के बारे में बताकर उन्हें व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया
जाएगा।
फिजिकल पास मतलब 85 फीसदी सफलता
लिखित
परीक्षा में पास होने वालों को फिर शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करने होगी।
इसके बाद उम्मीदवार मेडिकल टेस्ट के लिए चयनित होंगे। मेडिकल टेस्ट तक
पहुंचने का मतलब उम्मीदवार सेना में जाने 85 फीसदी फिट हैं।
जनसंख्या के हिसाब से पद
सेना
में देशभर की जनसंख्या के अनुपात के हिसाब से पदों की संख्या भरी जा रही
है। सेना अफसरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ से 250 युवाओं का चयन होना है। इसके
लिए 3 हजार उम्मीदवारों को आमंत्रित किया गया है।
सेना भर्ती के लिए यह जरूरी
– 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके युवाओं को पात्रता।
– रसायन, जीव विज्ञान, कंप्यूटर साइंस का ज्ञान होना जरूरी।
– 16 सौ मीटर की दौड़, 7 मिनट में पूरा करना जरूरी।
– 157 सेमी शरीर की लंबाई होना चाहिए।
– 5 सेंटीमीटर ज्यादा फुला सीना होना चाहिए।
मेडिकल टेस्ट की रिपोर्ट बाकी
लिखित
और फिजिकल टेस्ट के बाद उम्मीदवारों के मेडिकल टेस्ट होने बाकी है। दूसरे
दिन 88 युवाओं का चयन मेडिकल टेस्ट के लिए किया गया। प्रदेश से आए युवाओं
का उत्साह देखते बनता है।
– एओ लारी, सहायक प्रभारी, नौ सेना भर्ती
चावल खाना वजन घटाने में फायदेमंद
अमेरिका
के नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एक्जामिनेशन सर्वे (एनएचएएनईएस) के
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के आधार पर माना है कि चावल न सिर्फ पोषक तत्वों
से भरपूर है बल्कि वजन घटाने में भी मददगार हो सकता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, डाइट में संतुलित मात्रा में चावल के सेवन से खाने की गुणवत्ता बढ़ती, वजन घटता है और अधिक पोषण मिलता है।
पोषक
तत्वों से भरपूर प्रमुख शोधकर्ता थेरेसा निकलस के अनुसार, चावल में
पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, फोलेट और फाइबर जैसे पोषक तत्व अधिक मात्रा
में हैं जबकि इसकी तुलना में सैचुरेटेड फैट्स और शुगर कम मात्रा में है।
इसलिए इसका सेवन वजन पर नियंत्रण से लेकर पोषण के लिहाज से हर तरह से
फायदेमंद है। यह शोध फूड एंड न्यूट्रिशन साइंसेज जर्नल में प्रकाशित हुआ।
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