Press "Enter" to skip to content

पेट्रोल सस्ता करने जेटली ने रमन से कहा वैट कम करें

Image result for पेट्रोलियम

रायपुर। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सभी
राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम
करने का आग्रह किया है। उन्होंने इससे होने वाले वित्तीय नुकसान की भरपाई
के लिए दूसरा उपाय करने को कहा है। छत्तीसगढ़ सरकार 25 फीसदी वैट के साथ डेढ़
रुपए प्रति लीटर अतिरिक्त वैट वसूल रही है। केन्द्र सरकार भी एक लीटर पर
करीब साढ़े 21 रुपए टैक्स ले रही है। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में
करीब 20 रुपए में मिल रहा पेट्रोल यहां 69 रुपए लीटर तक बिक रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि वैट कम होने या इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाता
है तो निश्चित रूप से आम लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है।
वित्त
मंत्री ने यह पत्र इसलिए लिखा है कि पेट्रोल के जीएसटी के दायरे से बाहर
रहने के कारण उत्पादकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिल रहा है। इस
पत्र के बाद ‘नईदुनिया’ ने पेट्रोल कारोबारियों व बाजार विशेषज्ञों के
जरिए पेट्रोल के रेट की पड़ताल की। यह जानने की कोशिश की गई कि वैट हटाया
जाता है या जीएसटी लागू किया जाता है तो उसका लोगों पर क्या असर पड़ेगा।
विशेषज्ञों की राय में दोनों ही स्थिति में आम लोगों को बड़ी राहत मिल सकती
है, क्योंकि पेट्रोल और डीजल के मौजूदा कीमत में लगभग 60 फीसदी से अधिक
हिस्सा केन्द्र और राज्य सरकारों के टैक्स का है। बाजार के जानकारों के
अनुसार यदि पेट्रोल को जीएसटी के अधिकतम स्लैब यानी 28 फीसदी टैक्स के
दायरे में भी रखा जाता है तो भी इसके दाम कम होंगे।
दो महीने में 5 रुपए बढ़े दाम
पेट्रोलियम
कारोबारियों के अनुसार 16 जून से अब तक पेट्रोल की कीमतों में पांच रुपए
प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि 16 जून से
पेट्रोल-डीजलों की कीमतों की प्रतिदिन समीक्षा होती है और अंतरराष्ट्रीय
बाजार के हिसाब से किमतें बदली जा रही हैं।
तेल का अंतरराष्ट्रीय बाजार
अंतरराष्ट्रीय कीमत- 3105 प्रति बैरल
एक बैरल में- 159 लीटर
प्रति लीटर- 19.52
ऐसे बढ़ता है दाम
रिफाइनरी प्रोसेस, इंट्री टैक्स व अन्य- 5.65 रुपए
परिवहन खर्च- 2.68
केन्द्रीय टैक्स- 21.48
पंप डीलरों का कमीशन- 2.57
डिपो से डीलर तक परिवहन- 00.20
राज्य में 25 फीसदी वैट- (लगभग) 13.00 रुपए
पेट्रोलियम
उत्पादों में जीएसटी लागू होने से आम लोगों को फायदा हो सकता है। जीएसटी
का हायर स्लैब 28 फीसदी है, जबकि अभी इससे ज्यादा टैक्स लग रहा है। जीएसटी
से टैक्स में एकरूपता आएगी और सस्ता भी होगा।

चेतन तारवानी, कर विशेषज्ञ
फिलहाल
राज्य सरकार को ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। इस तरह का कोई प्रस्ताव
आता है तो राज्य की वित्तीय व्यवस्था को देखते हुए निर्णय करेंगे।

अमर अग्रवाल, मंत्री वाणिज्यिक कर

More from Fast SamacharMore posts in Fast Samachar »

Be First to Comment

Leave a Reply

error: Content is protected !!