पुलिस अधीक्षक ने निभाया राखी का फर्ज, बच्चियों को निकलवाया गंदगी के दलदल से
बालगृह के दैहिक शोषण मामले में पुलिस अधीक्षक ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
शिवपुरी। किसी भी अधिकारी की क्षमताओं का आंकलन विपरीत परिस्थितियों में ही होता। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए उसे 1,2,3स्वयं ही तय करना होता है कि उसे किस तरह से निर्णय लेना है, क्योंकि वह भलीभांति जानता है कि उसके लिए गए निर्णय का आगामी परिणाम क्या होगा? ऐसी ही परिस्थितियां शिवपुरी जिले के पुलिस अधीक्षक मो. युसुफ कुर्रेशी के सामने आई जिसका खुलासा करना एक बहुत ही ढेरी खीर था। यह घटना थी बालगृह में चल रहे दैहिक शोषण की, जिसका अभी तीन-चार दिन पहले ही पर्दाफाश हुआ है और इसकी एक-एक पर्तें प्याज की तरह सभी के सामने खुलती चली गईं। इतना बड़ा खुलासा कोई एक या दो दिन का नहीं है, बल्कि उक्त खुलासा एक पुलिस अधिकारी की बड़ी ही चतुराई और ठंडे दिमाग से सोची समझी रणनीति के तहत बनाई गई योजना के द्वारा हुआ है।
शिवपुरी के पटेल नगर में माधव बालगृह वर्षों से संचालित है जिसमें समय-समय पर अनियमितताएं उजागर होती रही हैं। जिले में अधिकारी आये और गए, लेकिन किसी ने भी इस ओर कोई सख्त कदम नहीं उठाया और मामले उछलने से पहले ही दब जाते थे। इसका सबसे कारण यह था कि बालगृह का संचालन एक ऐसी महिला द्वारा किया जा रहा था जिसकी पुलिस व प्रशासन के बड़े-बड़े अधिकारियों तक पहुंच थी। इन्हीं अधिकारियों के क्रम में आईपीएस मो. युसुफ कुर्रेशी ने शिवपुरी पुलिस अधीक्षक के रूप में कमान संभाली। श्री कुर्रेशी द्वारा कई समस्याएंं जैसे दस्यु समस्या सहित अन्य समस्याओं से जिले को छुटकारा दिलाया। पुलिस अधीक्षक की इसी कार्यप्रणाली को देखते हुए बड़ी ही आस के साथ सीडब्ल्यूसी द्वारा माधव बालगृह में वर्षों से चल रहे दैहिक शोषण की गुप्त सूचना दी। यह सूचना कहने में छोटी, लेकिन कार्यवाही करने में बड़ी टेढी खीर थी क्योंकि इस काले कारनामे का खुलासा करने के लिए किसी के भी पास कोई ठोस सबूत नहीं थे। ऐसे में पुलिस अधीक्षक मो. युसुफ कुर्रेशी ने मामले को गंभीरता से लिया और इस मामले की हकीकत को जानने के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया।
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पुलिस अधीक्षक मो. युसुफ कुर्रेशी ने बालगृह में चल रहे दैहिक शोषण के खेल का पर्दाफाश करने के लिए लंबी योजना बनाई। इस योजना के तहत सबसे पहले उन्होंने बालगृह से नजदीकियां बढ़ाईं। इसके लिए उन्होंने त्यौहारों के समय बालगृह में जाना प्रारंभ कर दिया और बालगृह के बच्चों के साथ ही त्यौहार मनाये। इस क्रम में श्री कुर्रेशी द्वारा रक्षाबंधन के पर्व पर बालगृह पहुंचकर बच्चियों से राखी बंधवाई और ढेर सारी गिफ्ट भेंट की। इस दौरान श्री कुर्रेशी ने बच्चों से खूब सारी बातें की और बच्चों के मन से डर निकालने की कोशिश, इसके बाद दीपावली और स्वयं का जन्मदिन भी पुलिस अधीक्षक ने बालगृह में ही मनाया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक के साथ बालगृह के डरे, सहमे बच्चे पूरी तरह से घुल मिल गये और उन्हें विश्वास को गया कि एसपी अंकल अच्छे अंकल हैं और यह हमारी मदद कर सकते हैं। इसी बीच पुलिस अधीक्षक ने बालगृह में अपना एक मुखबिर तंत्र लगा दिया जो लगातार बालगृह में चल रही गतिविधियों से पुलिस अधीक्षक को अवगत कराता था। इस रणनीति के तहत पुलिस अधीक्षक को बालगृह में चल रहे दैहिक शोषण संबंधी अहम सुराग मिले जिससे उन्हें पूरा विश्वास हो गया कि यह घिनौना कृत्य पिता-पुत्री द्वारा बड़ी ही चालाकी से किया जा रहा है और जो बाहर की दुनिया में समाजसेवी के रूप में साफ सुथरा चेहरा लेकर घूम रहे हैं। इसी बीच पुलिस अधीक्षक का काम उस समय और आसान हो गया जब बालगृह से 1 अक्टूबर की रात्रि दो बालिकाएं रात के अंधेरे में भाग निकलीं जिन्होंने लौटने के पश्चात बालगृह की पूरी परतें खोल दीं। इसके बाद पुलिस अधीक्षक, सीडब्ल्यूसी और महिला सशक्तिकरण विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से इस काले कारनामे से पर्द उठा दिया। इस प्रकार कहा जा सकता है पुलिस अधीक्षक मो. युसुफ कुर्रेशी द्वारा एक बड़ा साहसिक कार्य को अंजाम दिया जो खुलासा वर्षों पहले होना था वह आज हुआ है।
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माधव बाल गृह मामला में दूसरा मुख्य आरोपी केएन अग्रवाल गिरफ्तार
घटना के दो आरोपी राजू और अतुल अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर
फोटो 19 शिव 4
शिवपुरी। माधव बालगृह में रहने वाली आधा दर्जन बालिकाओं के दैहिक शोषण मामले में पुलिस ने आज दूसरे आरोपी केएन अग्रवाल को खुड़ा से गिरफ्तार कर लिया है। केएन अग्रवाल की गिरफ्तारी उस समय हुई जब वह वकील से मिलने के लिए जा रहे थे, उसी समय पुलिस ने इन्हें एडव्होकेट के घर के बाहर से ही धर दबोच लिया। कोतवाली पुलिस द्वारा केएन अग्रवाल को गिरफ्तार करने के बाद कोतवाली लाया गया जहां, पुलिस अधीक्षक मो. युसुफ कुर्रेशी, एएसपी कमल मौर्य, एसडीओपी जीडी शर्मा एवं मामले की विवेचना कर रहीं महिला सेल प्रभारी आराधना डेविश ने केएन अग्रवाल से उक्त घटना के संबंध में बारीकि से पूछताछ की। केएन अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद आज उन्हें न्यायालय में पेश किया जाएगा। इस मामले में जांच उपरांत दो और नाम राजू अग्रवाल और अतुल सिंह बढ़ गया है। मामले में मुख्य आरोपी केएन अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद अब दो और आरोपी अतुल सिंह, राजू अग्रवाल की तलाश में पुलिस जुटी दिखाई दे रही है। गौरतलब है कि पिछले समय माधव बालगृह से दो किशोरी रात्रि के समय भाग गईं थीं। यह दोनों किशोरी जब लगभग 12 दिन वापस लौटकर आईं तो इन्होंने सीडब्ल्यूसी के समक्ष काउंसलिंग में बताया था कि बालगृह में बालिकाओं के साथ छेड़छाड़, बलात्कार एवं मारपीट जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।
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बालिकाओं के साथ में रहता था युवक
आज इस मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है जिसमें पीडि़त बालिकाओं ने जांच अधिकारी को बताया है कि बालगृह में उनके साथ एक अतुल सिंह नाम का युवक भी रहता था इस युवक की उम्र 20 से 22 वर्ष के बीच बताई जा रही है। पीडि़त बालिकाओं ने बताया कि उक्त युवक अतुल सिंह भी उनके साथ छेड़छाड़, बलात्कार, मारपीट जैसी घटनाओं को अंजाम देता था और वह पिछले लंबे समय से बाल आश्रम में ही निवास कर रहा था। बताया जाता है कि बाल आश्रम की संचालिका शैला अग्रवाल और उसके पिता के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने के तीन से चार दिन पहले ही उक्त युवक आश्रम से बाहर जाने का कहकर गया था इसके बाद वह वापस लौटकर नहीं आया। नियम अनुसार बाल आश्रम में बालिकाओं के साथ युवक या बालक नहीं रह सकता इन्हें अलग-अलग स्थान पर रखा जाना चाहिए, लेकिन आज जो खुलासा हुआ है उसे अगर सही माना जाये तो आश्रम में युवक और बालिकाएं एक साथ ही रह रहे थे।
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