रायपुर। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पढ़ने
और पढ़ाने वालों की आर्थिक सहायता बढ़ाने की घोषणा की है। शुक्रवार को
छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम के कार्यक्रम में संस्कृत के विद्यार्थियों
की छात्रवृत्ति दोगुनी करने का एलान किया। साथ ही संस्कृत पढ़ाने वाले
स्कूलों के अनुदान में भी 10 हजार की बढ़ोतरी कर दी।
सीएम निवास पर
शुक्रवार को आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि
संस्कृत देव भाषा है। जब दुनिया में लोगों को अक्षर ज्ञान नहीं था तब हमारे
ऋषि-मुनियों ने वैदिक ग्रंथों की रचना की। संस्कृत विद्यार्थियों और
विद्वानों के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम की सीएम ने सराहना की।
सीएम
ने कहा कि ऋषि-मुनियों ने संस्कृत भाषा में कालजयी ग्रंथ लिखे। इन ग्रंथों
में ज्ञान-विज्ञान, खगोल शास्त्र, चिकित्सा शास्त्र का अथाह भण्डार है। यह
हमारे लिए गौरव की भाषा है। स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम
की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर कोसल संस्कृत समिति और पाणिनीय शोध
संस्थान बिलासपुर की अध्यक्ष डॉ. पुष्पा दीक्षित और बिसरा राम यादव विशेष
अतिथि के रूप में उपस्थित थे। संस्कृत विद्यामंडलम के अध्यक्ष स्वामी
परमात्मानंद ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने समारोह को सम्बोधित करते
हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के हरसंभव प्रयास किए
जा रहे हैं।
छात्रवृत्ति और अनुदान में वृद्धि
स्कूल अभी अब
प्राथमिक विद्यालय 40 80 रु. प्रति माह
पूर्व माध्यमिक 100 200 रु. प्रति माह
हाईस्कूल 150 300 रु. प्रति माह
अनुदान
प्राथमिक विद्यालय 10000 20000
पूर्व माध्यमिक 20000 30000
हायर सेकेण्डरी 40000 50000
इनका हुआ सम्मान
डॉ.
पुष्पा दीक्षित को महर्षि वेदव्यास सम्मान, इंदिरा कला संगीत
विश्वविद्यालय खैरागढ़ की सहायक प्राध्यापिका डॉ. पूर्णिमा केलकर को माता
कौशल्या सम्मान, उदय प्रसाद साहित्य शोध संस्थान दुर्ग को ऋषि श्रृंग
सम्मान और रामचंद्र संस्कृत पाठशाला रायपुर के डॉ. वंशीधर शर्मा को लोमश
ऋषि सम्मान से विभूषित किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम
के पूर्व अध्यक्ष डॉ. गणेश कौशिक और वरिष्ठ समाज सेवी शांताराम सर्राफ को
संस्कृत सेवा सम्मान से विभूषित किया।
विद्यार्थियों का सम्मान
कार्यक्रम
में मुख्यमंत्री ने उत्तर मध्यमा (बारहवीं के समकक्ष) परीक्षा की
प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों कुमारी इंदु
भगत, मिल कुमार, शंभु सिंह मरावी, कुमारी शांति, अनिल कुमार, जलेन्दर,
कुमारी शशिकला सिरदार, कुमारी डंकेश्वरी, प्रेमचंद कुम्हार, बुधेश्वर राम,
असीबलाल, राजकमल, जवाहिर प्रसाद यादव और कुमारी तपेश्वरी को भी सम्मानित
किया।
संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों पर सरकार मेहरबान, मिली ये सौगात
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