केंद्र सरकार के नोट बंदी फैसले का भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन के बाद गुरुवार को डी सुब्बाराव ने भी समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से बैंकों की ब्याज दर कम हो सकती है.
सुब्बाराव ने कहा कि आरबीआई की ओर से कोई नई राहत दिए बिना भी इस फैसले की वजह से बैंकों का कॉस्ट ऑफ फंड कम होगा, जिससे वो लोन पर ब्याज दर कम कर सकते हैं. बैंक लोन पर ब्याज दर कम होगा तो निवेश ज्यादा होगा.

कम होगी जमीन और मकान की कीमतें
इन दिनों सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज (आईएसएएस) में विजिटिंग फेलो और 2008 से 2013 तक आरबीआई के गवर्नर रहे सुब्बाराव ने इसी संस्था की वेबसाइट पर छपे अपने एक लेख में कहा कि सबसे ज्यादा काला धन रियल एस्टेट में लगा हुआ है. नोटबंदी से इस मामले में काफी असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद नकद काला धन खत्म होने से जमीन और मकानों की कीमतों और किराए में भी कमी आएगी.
प्राइवेट सेक्टर्स में भी बढ़ेंगे रोजगार के मौके
उनके लेख में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद अघोषित आय पर लगाए गए टैक्स और जुर्माने से सरकारी खजाने में बड़ी रकम आ सकती है. ये कितनी होगी इस पर भले ही बहस हो लेकिन यह तय है कि सरकार बैंकों में जमा रकम पर कड़ी नजर रखेगी. उन्होंने बताया है कि एक अनुमान के मुताबिक नोटबंदी से जीडीपी का 0.5 फीसदी यानी लगभग 65 हजार करोड़ रुपये टैक्स के रूप में जमा हो सकती है. सरकार इसका इस्तेमाल आधारभूत ढांचे को विकसित करने में कर सकती है. नोटबंदी से नकद रकम के बाहर आने से प्राइवेट सेक्टर में भी निवेश बढ़ सकता है.
ज्यादा पारदर्शी होगी अर्थव्यवस्था
सुब्बाराव ने लिखा है कि नोटबंदी से थोड़े समय के लिए भले ही समस्या हो लेकिन बाद में इसके कई बड़े फायदे दिख सकते हैं. नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की एक तरह से सफाई भी होगी. इससे बचत और निवेश पर सकारात्मक असर पड़ेगा. अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता आने से कारोबारी सहूलियत बढ़ेगी. इससे भारत की उत्पादन क्षमता भी बढ़ सकती है.
सी रंगराजन ने की तारीफ, रघुरामन राजन ने आलोचना
इससे पहले सी रंगराजन ने कहा था कि मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले से काला धन पर लगाम लगाया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि अचानक हुए फैसले से लोगों को परेशानी हो रही है. अगले कुछ दिनों में ये परेशानी खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा था कि अब लोग मुद्रा विनिमय को छोड़ नए विकल्पों को अपना रहे हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ा बदलाव है. वहीं पूर्व गवर्नर रघुराम राजन नोटबंदी के फैसले की आलोचना कर रहे हैं.
8 नवंबर को लिया गया था नोटबंदी का फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काला धन के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए 8 नवंबर की आधी रात से 500 और 1000 के नोटों को बंद किए जाने का ऐलान किया था. इसके बाद देश भर में नोट बदलने, बैंकों से काम के लिए नकद रकम निकालने की होड़ मच गई. संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन गुरुवार को राज्यसभा में इस मुद्दे पर लंबी बहस भी की गई.
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