
*”अजेय राज सक्सेना (पत्रकार)”*
क्या शिवपुरी जिले में मौजूद सभी अधीनस्त अधिकारियों में नही मानवता मौजूद …….
आखिर किस हद तक लेजाना चाहते है शिवपुरी जिले को ये अधिनस्त अधिकारी ……
शिवपुरी –: शिवपुरी एक सिंधिया स्टेट की ग्रीष्मकालीन राजधानी जो बहुत खूबसूरती से प्रकृति को अपने मे समेटे हुए है शिवपुरी को एक लोगो ने मिनी शिमला का नाम दे रखा था यहाँ गर्मी का प्रकोप न के बराबर था लेकिन धीरे धीरे ये बात गलत साबित होने लगी क्योंकि धीरे धीरे चारो तरफ जंगलो और पहाड़ों से घिरी शिवपुरी में आज जंगल साफ होते जा रहे है लेकिन फिर भी शिवपुरी जिंदा है ।
लेकिन आज ये युग और समय मे शिवपुरी के लोगो को कोरोना में जिंदा कौन रखे या बचाये , शिवपुरी की बात करे तो वर्तमान समय मे शिवपुरी जिले में कलेक्टर और एसपी ने दिन रात एक कर रखा है और व्य्वस्था को सुचारू करने , कोरोना के बढ़ते ग्राफ और कोरोना चैन को तोड़ने के लिए प्रयास जारी है लेकिन इस पूरे प्रयास में आखिर अधिनस्त अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाते नजर नही आ रहे है आज एक कलेक्टर और एस पी आधी रात को भी अपने जिले की किसी भी समस्या को सुनने के लिए तैयार खड़े है लेकिन अधिनस्त अधिकारियों ने तो जैसे कान में रुई लगा ली हो , हमारी ये सभी अधिनस्त अधिकारियों को लेकर नही कुछ अपने अधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे है लेकिन शायद कुछ ने तो शिवपुरी का बंटाधार करने की जैसे कसम ही खा रखी हो ।।
लेकिन शिवपुरी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और एस पी राजेश सिंह चंदेल को इस कठिन घड़ी में फास्टसमाचार की ओर से दिल सल्यूट …….. जय हिंद जय भारत
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