शिवपुरी। ओबीसी महासभा ने चिकित्सा भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण पूर्णत: आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है। जिसे लेकर ओबीसी महासभा ने एक ज्ञापन पिछड़ा वर्ग आयोग, मुख्यमंत्री व सचिव प्रदेश लोक सेवा आयोग के नाम प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा और संशोधन की मांग की।
ज्ञापन के माध्यम से ओबीसी महासभा ने आरक्षण नियमों के उल्लंघन में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चिकित्सा अधिकारी भर्ती हेतु जारी विज्ञापन दिनांक 14 जून 2021 को निरस्त कर संशोधित विज्ञापन जारी करने की मांग की गई।
महासभा ने बताया की कुल 574 पदों में से अन्य पिछड़ा वर्ग को मात्र 60 पद आवंटित किए गए हैं जबकि मध्य प्रदेश में वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण लागू है जिसके अनुसार ओबीसी को 156 पद आवंटित किए जाने थे। इसी प्रकार अनुसूचित जाति हेतु 16% आरक्षण का प्रावधान है इसके अनुसार कुल 92 पदों को आवंटित किया जाना था जबकि मात्र 72 पदों का आवंटन किया गया है।
वर्तमान में कई भर्ती विज्ञापनों में मध्य प्रदेश आरक्षण नियम में परिवर्तन को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में याचिकाएं दाखिल होने की दलील दी जाती हैं, जबकि उच्च न्यायालय जबलपुर से अद्यतन किसी भी प्रकार का कोई स्थगन आदेश पारित नहीं हुआ है, पूर्व नियमानुसार अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 परसेंट आरक्षण था उसके अनुसार भी अगर गणना करें तो कम से कम 80 पद विज्ञापित होने थे परंतु विभाग में बैठे जातिवादी मानसिकता के अधिकारियों द्वारा नियमों को तोड़ मरोड़ कर ना जाने किस गणना अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग को 576 पदों में से मात्र 60 पद आवंटित किए गए हैं ,जो कि अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ घोर अन्याय पूर्ण कृत्य है।
महासभा ने आरक्षण नियमों में छेड़छाड़ करने वाले संबंधित दोषी अधिकारियों पर मध्य प्रदेश आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 6(1 )के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
ज्ञापन सौंपने वालों में सीमा शिवहरे प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा, दिनेश कुमार राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी, ओबीसी विपिन कुमार शिवहरे पूर्व जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा सतीश खटीक पूर्व जिला अध्यक्ष एससी एसटी प्रकोष्ठ, इंजीनियर गजराज सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष युवा मोर्चा, अनिल धाकड़ एवं श्री हेमंत यादव जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा आदि ओबीसी महासभा के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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