शिवपुरी में सरकारी जमीन को फर्जी एनओसी के जरिए बेचने का मामला सामने आया थ। एसडीएम उमेश कौरव ने इस मामले में क्रेता, विक्रेता, दलाल और गवाहों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे। लेकिन आज दिनांक तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई हैं.
बता दें की भू-माफिया बद्रीप्रसाद धाकड़ और सतीश अग्रवाल ने अपनी पत्नियों के नाम पर नगर पालिका से कत्थामिल के पास 4 बिस्वा सरकारी जमीन की फर्जी एनओसी बनवाई। इस जमीन की वर्तमान कीमत 5 करोड़ रुपए आंकी गई है।
दलाल राजेश कुशवाह और रामनिवास रावत ने सीताराम गौड़, विजय गौड़, कन्हैया गौड़, रवि विश्वकर्मा, धन्नो गौड़, आनंदी गौड़ और महादेवी विश्वकर्मा के साथ मिलकर रजिस्ट्रार कार्यालय में विक्रय पत्र का संपादन करा दिया।
शिकायत मिलने पर एसडीएम ने जांच की। जांच में पाया गया कि सभी आरोपियों ने मिलकर सरकारी जमीन का गबन किया है। एसडीएम ने नगर पालिका सीएमओ को इन सभी के खिलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
रजिस्ट्रार कार्यालय की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। इस कारण कार्यालय भी जांच के दायरे में आ सकता है। एसडीएम उमेश कौरव ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी एनओसी और कूटरचित दस्तावेजों की मदद से जमीन का विक्रय पत्र तैयार किया है। अब देखना होगा की एसडीएम के आदेश का पालन होता हैं या युहीं मामला अटका रहेगा.

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