नई दिल्ली
2019 में अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में तेजु विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक कारिखो क्रि जीते।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा, चुनाव में नामांकन के दौरान कैंडिडेट को सारी संपत्ति का खुलासा करने की जरूरत नहीं है। जब तक कि उससे वोटिंग में असर न पड़ता हो। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने यह टिप्पणी पांच साल पुराने मामले पर सुनवाई करते हुए की।
साल 2019 में अरुणाचल प्रदेश की तेजु विधानसभा क्षेत्र से जीतकर आए निर्दलीय विधायक कारिखो क्रि की गौहाटी हाईकोर्ट ने सदस्यता रद्द कर दी थी। इसके खिलाफ कारिखो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने अब लोअर कोर्ट के फैसले को पलट दिया।
कोर्ट ने कहा- चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को उनके या उनके आश्रितों के मालिकाना हक वाली हर चल संपत्ति का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि वे काफी महंगी न हों।
कारिखो के खिलाफ दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि, कारिखो ने चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करते समय अपनी पत्नी और बेटे की तीन गाड़ियों का खुलासा नहीं किया था।
अब जानिए क्या है पूरा मामला…
2019 में अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में तेजु विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक कारिखो क्रि जीते। चुनाव परिणाम आने के बाद, कांग्रेस उम्मीदवार नुनी तयांग ने एक चुनाव याचिका दायर की। जिसमें कारिखो की जीत को चुनौती दी गई।
तयांग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 90 (ए) (सी) के तहत एक याचिका दायर की। उन्होंने तेजू सीट से क्रि की चुनावी जीत को रद्द करने की घोषणा की मांग की।
तयांग ने दावा किया कि कारिखो ने इलेक्शन नॉमिनेशन फाइल करते समय गलत डिटेल दी। हाईकोर्ट ने कारिखो के खिलाफ फैसला सुनाते हुए उनकी जीत को रद्द कर दिया।
2019 अरुणाचल प्रदेश चुनाव में कारिखो क्रि निर्दलीय चुनाव जीते थे।
सुप्रीम कोर्ट बोला- जब तक सामान लग्जरी नहीं, बताना जरूरी नहीं
हाईकोर्ट के फैसले को कारिखो ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- चुनाव लड़ रहे किसी भी उम्मीदवार से जुड़ी हर जानकारी जानना वोटर का अधिकार नहीं है। सार्वजनिक पद के लिए उम्मीदवार को अपनी हर जानकारी बताना जरूरी नहीं। उसके पास निजता का अधिकार है।
कोर्ट ने कहा- उम्मीदवार को अपनी या परिवार के सदस्यों की हर उस वस्तु की जानकारी क्यों देनी चाहिए। जैसे कि कपड़े, जूते, क्रॉकरी, स्टेशनरी, फर्नीचर इत्यादि। जब तक कि वह इतनी कीमती न हो कि एक बड़ी संपत्ति बन जाए।
एक उदाहरण देते हुए कोर्ट ने कहा- यदि किसी उम्मीदवार या उसके परिवार के पास कीमती घड़ियाँ हैं, तो उनका खुलासा करना होगा क्योंकि वे उसकी लग्जरी लाइफ स्टाईल को दर्शाती हैं।
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