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दुर्गम क्षेत्रों में तैनात रहकर हिमालय की रक्षा करते है हिमवीर जवान : डीआईजी निम्बाडिया / Shivpuri News

जीवन में अनुभव और प्रशिक्षण सदैव सफलता का मार्ग प्रशस्त करते है : रिटायर्ड डीआईजी बी.सिन्हा

सपोर्ट वैपन ट्रैनिंग स्कूल आईटीबीपी में 50 अधिकारियों व 120 जवानों का विशेष हथियार कोर्स का हुआ शुभारंभ

शिवपुरी। जीवन में हमेशा सफलता तभी मिलती है जब जीवन में अनुभव और प्रशिक्षण हासिल किया हुआ खासतौर से मिलिट्री फोर्सेस का प्रशिक्षण हमेशा व्यक्ति को आगे बढऩे की ना केवल प्रेरणा देता है बल्कि व्यक्ति प्रशिक्षणों को प्राप्त कर अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर भी होता है हमने अपने समय में भले ही कम संसाधन और इन्फ्रस्क्ट्रचर हो बाजूद इसके कई शिविरों में भाग लेकर सेनाओं की प्रतिस्पर्धा में आईटीबीपी ने हमेशा सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है और आज यह एमएमजी कोर्स भी उसी श्रेणी में आता है इसलिए अच्छे से प्रशिक्षण प्राप्त करें और अपने अनुभव को अन्य लोगों को भी बांटे तभी यह प्रशिक्षण शिविर सार्थक होगा। उक्त उद्गार व्यक्त किए रिटायर्ड डीआईजी भाभोतोष सिन्हा ने जो स्थानीय सपोर्ट वैपन ट्रेनिंग स्कूल आईटीबीपी के सभागार कार्यक्रम में 12 सप्ताह के विशेष हथियार कोर्स एमएमएजी के शुभारंभ अवसर पर बातौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान संस्थान के डीआईजी आनन्द सिंह पाल निम्बोडिया व सपोर्ट वाहिनी रिक्रूट टे्रनिंग सेंटर के डीआईजी सुरिन्द्र खत्री मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन हरिसिंह द्वितीय कमान द्वारा किया गया। इस अवसर पर डीआईजी सुरन्दिर खत्री द्वारा भी प्रशिक्षण लेने वाले अधिकारियों व जवानों से इस प्रशिक्षण में भाग लेेकर बारीकियों को सीखकर उसे आत्मसात करने का आग्रह किया साथ ही अपने अनुभवन अन्य कर्मियों को भी प्रदाय करने का आह्वान किया। इस कोर्स के साथ-साथ एक अन्य कोर्स 7.62 एमएम मीडियम मशीन गन का भी शुभारंभ किया गया, जिसमे बल के 120 प्रशिक्षुओं  को प्रशिक्षित किया जायेगा। कोर्स शुभारंभ समारोह का समापन घनश्याम योगी, स्थानीय निवासी के औजाश्वी काव्यपाठ से हुआ जिसमे उनके द्वारा सुनाए गए देशभक्ति के गीतों से माहौल में जोश उत्पन हो गया।

दुर्गम क्षेत्रों में तैनात रहकर हिमालय की रक्षा करते है हिमवार जवान : डीआईजी निम्बाडिया

सपोर्ट वैपन ट्रेनिंग स्कूल में डीआईजी आनंद सिंह पाल निम्बोडिया द्वारा 48 डिप्टी कमाण्डेट अधिकारियों व 120 हिमवीर जवानों के इस विशेष कोर्स प्रशिक्षण के दौरान अपने संबोधन में कहा कि भारत तिब्बतसीमा पुलिस बल की अधिकतम तैनाती हिमालय के अति दुर्गम क्षेत्रों जैसे उत्तरांचल, हिमाचल, अरूणांचल प्रदेश, लेह लद्दाख, सिक्किम आदि में है जहा बल द्वारा पड़ोसी देश चीन के साथ लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा की पैनी कुशल नजरो से रखवाली की जा रही है, चूंकि इन क्षेत्रों में अत्यधिक सामरिक कुशलता की आवश्यकता होती है जिसमें हथियारों के प्रयोग में घोर निपुणता होना अत्यंत ही आवश्यक है। बदलते परिवेश में देश की सीमाओं की सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए बल स्तर पर एक नीतिगत निर्णय लिया गया कि बल के उपसेनानी स्तर के अधिकारियो जो कि अनिशित युद्धकाल की स्थिती में सक्रिय एवम अग्रणीय भूमिका निभायेंगे, को और अधिक  सामरिक रूप से तैयार किया जाए ताकि समय पडऩे पर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।
यह होगा 12 सप्ताह चलने वाला विशेष प्रशिक्षण

आईटीबीपी कैम्पस में सपोर्ट वैपन ट्रेनिंग स्कूल के बैनर तले 12 सप्ताह का विशेष हथियार प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें इस कोर्स की अवधि में अधिकारियो को बल के सपोर्ट हथियारों जैसे 81एमएम मोर्टार जो कि एक खुले क्षेत्र का हथियार है एवम इसमें प्रयोग किए जाने वाले गोलों से दूर दुश्मन को 5 किमी तक मारने की क्षमता होती है, अन्य हथियार मीडियम मशीन गन जो कि दुश्मन को दूर 1800मीटर तक मार सकता है, इसके द्वारा 01 मिनट में अधिकतम 1000 गोलियां चलाकर दुश्मन को बर्बाद किया जा सकता है, कार्ल गुस्ताव रॉकेट लॉन्चर एवम ऑटोमैटिक ग्रेनेड सिस्टम जो कि परंपरागत युद्ध की स्थिति में दुश्मन के टैंकों को बर्बाद करने के लिए उपयुक्त है साथ ही वर्तमान समय में सुरक्षा बलो द्वारा आतंकवादियों को बर्बाद करने मै भी व्यापक रूप से इसका प्रयोग किया जा रहा है साथ ही साथ इनसे संबंधित अम्यूनिशन के विषय में भी गहनता से प्रशिक्षण दिया जायेगा जिसमे अधिकारी स्वयं जमीनी स्तर पर हथियारों के सामरिक प्रयोग की बारीकियों को सीखेंगे ताकि युद्धकाल में कुशलता से हथियारों का प्रयोग कर दुश्मन को धराशाई कर सके। अधिकारियो को इन हथियारों से वास्तविक फायर का अभ्यास भी करवाया जायेगा साथ ही साथ संस्थान द्वारा आरंभ की गई, नवीन परीक्षा प्रणाली ओपन बुक सिस्टम के आधार पर अधिकारियो का अंतिम मूल्यांकन किया जायेगा, जिसमे हथियारों के व्याहवारिक प्रयोग से संबंधित प्रश्न तैयार किए जायेंगे जिसमे परीक्षणर्थियो को अपनी पुस्तके प्रयोग करने की छूट प्रदान की जायेगी।

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