
शिवपुरी। राजस्थान में परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रों को सैंपल टेस्ट रिपोर्ट कराना अनिवार्य कर दिया था। लेकिन शिवपुरी से राजस्थान के काेटा और जयपुर में परीक्षा देने जाने वाले छात्र-छात्राओं को 24 घंटे बाद भी रिपोर्ट नहीं मिली।
मेडिकल कॉलेज में संपर्क किया तो बताया गया कि मोबाइल पर मैसेज आ जाएगा। इस मैसेज की उम्मीद में छात्र परीक्षा देने राजस्थान चले गए। चूंकि वहां पर छात्रों ने जांच कराने वाला मैसेज दिखाकर कह दिया कि पॉजिटिव का कोई मैसेज नहीं आया इसलिए हम निगेटिव ही होंगे। इस तर्क पर छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी। लेकिन जब यह कुछ छात्र परीक्षा देकर लौटे तो उन्हें पता चला कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षा को लेकर जिला अस्पताल शिवपुरी में 250 से अधिक छात्र-छात्राओं ने 4 अप्रैल को अपना कोविड-19 सैंपल टेस्ट कराया था। आरटीपीसीआर सैंपल टेस्टों की रिपोर्ट में अधिकतर छात्रों के सैंपल शामिल नहीं किए।
चौबीस घंटे बाद छात्र बिना रिपोर्ट के परीक्षा देने राजस्थान चले गए। परीक्षा देने के बाद 7 मार्च को दो लिस्ट जारी कीं जिसमें 81 पॉजीटिव केस थे और इन संक्रमितों में कुछ छात्र भी शामिल निकले जो शिवपुरी लौट रहे थे। छात्रों को रास्ते में आते वक्त अपने संक्रमित होने का पता चला। परीक्षा से लेकर आते-जाते वक्त कई लोगों के संपर्क में शामिल रहे। यानी सैंपल रोकना आम जनता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जबकि संक्रमण रोकने से लेकर इलाज की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है।
ये मेडिकल कॉलेज वाले ही बता सकते हैं
अधिकतर सैंपल टेस्ट रिपोर्ट 24 घंटे में जारी की जा रहीं हैं। हालांकि सैंपल टेस्ट रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी जा रहीं हैं। इस बारे में वही लोग बता सकते हैं कि सैंपल टेस्ट क्यों रोके जा रहे हैं। हमारा काम सैंपल टेस्ट भिजवाने का है।
एएल शर्मा, सीएमएचओ, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला शिवपुरी
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