शिवपुरी। प्रशासन की लापरवाही से किसानों का भारी नुकसान हो गया है। किसानों का करीब 10 हजार क्विंटल गेहूं भीग गया। यहां बता दें कि बामौरकला में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी छह-सात दिन से बंद स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन शिवपुरी के अधिकारी समय पर बारदाना नहीं पहुंचा पाए जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
बामौरकलां कस्बे में तीन सोसायटियों द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की जा रही है। चचौरा रोड पर गूडर सोसायटी पर छह-सात दिन से बारदाना नहीं है जिससे खरीदी बंद है। खरीदी के इंतजार में किसानों का 5 से 6 हजार क्विंटल गेहूं खुले में रखा था। सोमवार-मंगलवार की रात 12 और मंगलवार की शाम 4 बजे फिर से बारिश हो गई। एक घंटे तेज बारिश में किसानों का गेहूं भीग गया है। बारिश रुकने के बाद तहसीलदार और बामौरकलां थाना प्रभारी भी मौके पर पहुंच गए थे, लेकिन किसानों की समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया। इसके अलावा बामौरकलां मंडी प्रांगण में उपार्जन केंद्र क्रमांक -2 व -3 पर भी खुले में रखा किसानों का 5 हजार क्विंटल से अधिक माल भीग गया है। इस तरह दस हजार क्विंटल माल भीगने की बात कही जा रही है।
समर्थन मूल्य पर चल रही खरीदी में भाड़े को लेकर गड़बड़ी चल रही है। पिछोर के गोदाम का सरकार से अनुबंध होने के बाद जिला प्रबंधक द्वारा उपार्जन केंद्रों की मैपिंग नहीं की जा रही। इस कारण उक्त उपार्जन केंद्रों के गेहूं का परिवहन लंबी दूरी के गोदामों पर ले जाया जा रहा है। जिससे ट्रांसपोर्टर को सरकार से ज्यादा भाड़ा मिलेगा। जबकि पिछोर में उपार्जन केंद्रों से 20 से 40 किमी की दूर का गोदाम खाली पड़ा है। मैपिंग के अभाव में उक्त गोदाम की जगह गेहूं का परिवहन कोलारस और बदरवास के गोदामों पर भेजा जा रहा है, जो खरीदी केंद्र से 80 से 100 किमी दूर हैं। पिछोर के जुंगीपुर स्थित गोदाम में माल परिवहन कर लाने पर सरकार को लगभग 32 लाख का भाड़ा देना पड़ेगा। लंबी दूरी के गोदामों में भंडारण से 65 लाख से ज्यादा का भुगतान करना होगा। यानी सरकार को लाखों का नुकसान है। मामले को कोविड-19 संक्रमण फैलने की आशंका के चलते गुमराह किया जा रहा है। करारखेड़ा, महुआ, मायापुर, राजापुर का माल लंबी दूरी पर भेजा जा रहा है। मप्र सिविल सप्लाई कार्पोरेशन शिवपुरी द्वारा इस मामले में जानबूझकर गौर नहीं किया जा रहा है। जिला प्रबंधक एसएन माहेश्वरी को कॉल लगाया तो उन्होंने रिसीव नहीं किया।
किसान बोले हमारे नुकसान की भरपाई कौन करेगा
उदयभानसिंह चचौरा, चंद्रभानसिंह कसेरा, जमुना प्रसाद बहर्रा, शिशुपाल बुढेरा, हरभानसिंह, सतेंद्र सिंह चचौरा, शोभाराम दिदावनी, रामराजा सेंकरा, घूमन भरसूला, शिवराज सेंकरा, मनोहर, रविंद्र सिंह, सुग्रीव, केरनसिंह, कन्हैयालाल, रमेश, ब्रजभान, रोशनसिंह, चंद्रभान सिंह नदावन आदि किसानों का गेहूं खुले में पड़ा होने से भीग गया। किसानों का कहना है कि अब हमारे नुकसान की भरपाई कौन करेगा।
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