शिवपुरी। पिछोर जनपद पंचायत में 1 करोड़ रुपए से अधिक का फर्जी भुगतान का मामला सामने आया है। यहां जनपद के ब्लॉक समन्वयक रामनिवास राजपूत ने ही इस घोटाले को अंजाम दिया है। खास बात यह रही कि ऑनलाइन भुगतान के लिए जनपद दफ्तर के शौचालय का फोटो खींचकर कई शौचालयों की जिओ-टैगिंग कर दी और रिकाॅर्ड में शौचालय निर्माण पूरा होना दिखा दिया। इस तरह प्रति शौचालय 12 हजार रुपए के मान से गलत भुगतान हुआ है। शुरुआती जांच में 837 गलत खाते पकड़े गए हैं, जिनमें फर्जी भुगतान हुआ है।
पिछोर जनपद की 46 ग्राम पंचायतों में शौचालय विहीन परिवारों के सर्वे के बाद संबंधित ग्रामीणों के घर शौचालय बनना थे। स्वच्छ भारत मिशन के ब्लॉक समन्वयक रामनिवास राजपूत ने सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक 1048 ग्रामीणों के यहां शौचालय बनना दर्शा दिए। बिना निर्माण के पोर्टल पर शौचालय बने प्रोत्साहन राशि जारी होने की भनक कुछ ग्रामीणों को लगी और उन्होंने अपने खाते दिखवाए तो कोई पैसा नहीं आया था। फिर सीएम हेल्पलाइन सहित जिला मुख्यालय पर अधिकारियों से लिखित शिकायत की। मामले की जांच कराई गई तो शुरुआती दौर में ही बड़ा घपला सामने आ गया।
पिछोर के ग्रामीणों की प्रोत्साहन राशि दूसरे ब्लॉक के रहने वाले लोगों के बैंक खातों में जारी हुई है। अकेले बदरवास ब्लॉक में ही 500 से अधिक खातों में राशि जारी हुई है। मामले की जांच के लिए जनपद पिछोर में चार सदस्यीय दल गठित किया। खंड पंचायत अधिकारी आरके टैगर, मनरेगा के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी एनके शर्मा, सहायक लेखा अधिकारी वीणा मजेजी और पीएमएवाय के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर सोनपाल यादव के दल ने जांच की तो पता चला कि 1048 हितग्राहियों में से 837 बैंक खाते पिछोर क्षेत्र से बाहर के लोगों के हैं। साथ ही इंदौर, ग्वालियर और भिंड के बैंक खातों में फर्जी भुगतान करवाया गया।
इनका कहना है
ब्लॉक समन्वयक रामनिवास राजपूत ने षड्यंत्र के तहत यह घपला किया है। मार्च 2021 से ही वह अनुपस्थित है। ग्रामीणों की जानकारी दर्ज करने से लेकर फोटो वेरीफाई का काम भी वही करता था। हमने पोस्ट ऑफिस से उसके घर नोटिस भिजवाए, जहां रहता था वहां नोटिस चस्पा कराए हैं। अब पुलिस थाने में भी मुकदमा दर्ज करा दिया है।
पुष्पेंद्र व्यास, सीईओ, जनपद पंचायत पिछोर
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