शिवपुरी। मध्यप्रदेश की पर्यटक नगरी शिवपुरी में ठगी की वरदातें लगातार बढ़ती नजर आ रही है। इसी क्रम में एक और मामला फिजीकल थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां स्कूल खोलने के नाम पर दो लोगों ने कई लोगों के साथ करोड़ों की ठगी की वारदात को अंजाम दिया और फिर इसके बाद फरार हो गए। फिलहाल इस मामले में पीड़ित युवक ने फिजीकल थाने में आवेदन दिया है और मामले की जांच-पड़ताल कर रही है।
ऐसे दिया ठगी की वारदात को अंजाम
थाने में दिए आवेदन में पीड़ित नीरज पुत्र स्व. चंद्रपकाश श्रीवास्तव निवासी छोटा लुहारपुरा ने बताया कि उसे 9 दिसंबर 2019 को लुकवासा निवासी आस्था पुत्री महेश कुमार शर्मा का फोन आया। फोन पर आस्था ने बताया कि बॉम्बे से आए डॉक्टर प्रवीणकांत पाठक उर्फ अमित पाठक जो कि ’मुंबई टॉप 30 गुरूकुलम’ के डायरेक्टर है तुमसे मिलना चाहते हैं। जिस पर नीरज श्रीवास्तव लुकवासा चले गए।
जहां प्रवीण कांत पाठक ने बताया कि वह यहां एक बहुत बड़ा स्कूल खोलना चाहते हैं जिसके लिए तुम्हारा मैरिज गार्डन लो लुकवासा में है किराए पर चाहिए इसके एवज में 1 लाख रुपए महीना किराया देंगे। इतना ही नहीं हमारे पार्टनर मुंबई क्राइमब्रांच के डीजीपी संजीव नारकर हैं। 1 लाख रुपए किराए की बात सुनकर नीरज श्रीवास्तव राजी हो गए और गार्डन किराए से दे दिया। इसके एवज में तीन महीने का एडवांस किराया चैक के रूप में दिया जो बाद में बाउंस हो गया।
फिर इसके बाद आस्था शर्मा व प्रवीण कांत पाठक दोनों का फोन आया कि स्कूल संचालन के लिए स्टाफ की आवश्यकता है तो आप जॉब कर लो इसके लिए एक माह की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद 40 हजार रुपए सैलरी दी जाएगी। इसके लिए 20 हजार रुपए ट्रेनिंग के नीरज श्रीवास्तव ने जमा कर दिय। इसके बाद अन्य लोगों को भी जॉब दिया गया और इसके एवज में 10 से 12 हजार रुपए ट्रेनिंग फीस के वसूल किए गए। इसके बाद दोनाें ठग शिवपुरी आए और यहां भी सिद्धेश्वर मंदिर के सामने कपील अग्रवाल की बिल्डिंग 50 हजार रुपए किराए पर लेकर स्कूल खोल दिया और यहां भी स्टाफ की भर्ती ट्रेनिंग फीस लेकर की गई। इसके बाद शिवपुरी जिले की प्रत्येक तहसील व गुना दतिया में भी स्कूल खोलकर स्टाफ की भर्ती की और अखबारों में विज्ञापन भी प्रकाशित करवाए।
इसके बाद भर्ती स्टाफ की सैलरी चढ़ने लगी तो उक्त दोनों ठगों ने नीरज श्रीवास्तव से कहा कि उनकी मुंबई में 100 करोड़ की एफडी है उसको पूरा होने में समय लगेगा आप कहीं से रुपयों का इंतजाम करवा दी। जिस पर नीरज ने अपने रिश्तेदार मुकेश श्रीवास्तव से पांच लाख रुपए उधार दिलवा दिए। इन रुपयों से किराया व स्टाफ की सैलरी का वितरण कर दिया गया। इसके बाद दो माह बीत जाने के बाद फिर से सैलरी व किराए का दबाव आने लगा जिस पर फिर इन्होंने उधार रुपए मांगे और फिर से मुकेश श्रीवास्तव से 5 लाख, रविंद्र शिवहरे से 3 लाख, कल्याण यादव से दो लाख 60 हजार, मंजे ठाकुर से दो लाख, अनिल शर्मा से 50 हजार व तपस्या स्टेशनरी से डेढ़ लाख रुपए नकद दिलवाए। इसके एवज में उक्त ठगों की बातों में आकर नीरज श्रीवास्तव ने अपने चैक दे दिए। इसके बाद दोनों ठग नीरज से यह कहते हुए मुंबई चले गए कि वह मुंबई जा रहे हैं और सारा रुपया तुम्हारे अकाउंट में डलवाकर वापस आ जाएगे। इसके बाद आस्था व प्रवीण दोनों फरार हो गए और वापस नहीं आए। उसी दिन से उनके फोन भी नहीं लग रहे हैं।
उधारी वाले रोज आकर मुझे धमका रहे हैं, इस धमकी के कारण मेरे पिता जी को 9 अक्टूबर 2020 को दिल का दौरा आ गया और वह चल बसे। मेरे अपना मैरिज गार्डन व संपत्ति बेचकर लोगों का रुपया चुका दिया लेकिन अभी भी लेनदारी बाकी है। मामले में नीरज ने फिजीकल थाने में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है।
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