शिवपुरी। मेडिकल कॉलेज में अॉक्यूपेशनल थेरेपी स्पेशलिस्ट डॉ. नीलम्बरी को कोरोना के इस भयाभयकाल में जब ड्यूटी और पारिवारिक जिम्मेदारियों में से किसी एक को चुनना था तो उन्होंने परिवार से पहले फर्ज को तवज्जो दी। महज एक साल के छोटे बेटे को दूध पिलाने पर ड्यूटी की जिम्मेदारी भारी थी। विभाग ने उन्हें विकल्प भी दिया कि वे चाहें तो ड्यूटी से परहेज कर सकती है, लेकिन नीलम्बरी ने फर्ज को इस विकल्प पर प्राथमिका दी और तब से अब तक मुस्तैदी से कोविड ड्यूटी निभा रही है। ऐसे ही जज्बाती, धरती के भगवानों के बूते हम और आप कोरोना से इस लड़ाई में सुरक्षित रह कर इन सरकारी अस्पतालों में जिदंगी की जंग लड़ रहे हैं।
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