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जल, जंगल और जमीन के संरक्षण से पृथ्वी का कर्ज चुकाएं : कु. शिवानी राठौर / Shivpuri News

शिवपुरी। कु.शिवानी राठौर जिला अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग महिला कांग्रेस शिवपुरी ने पृथ्वी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को गूगल मीट द्वारा संबोधित करते हुए बताया कि महात्मा गाँधी ने एक बार कहा था कि प्रकृति में इतनी ताकत होती है कि वह हर मनुष्य की “जरुरत” को पूरा कर सकती है लेकिन पृथ्वी कभी भी मनुष्य के “लालच” को पूरा नही कर सकती है।

वैसे तो ऐसे कई तरीके हैं जिससे हम अकेले और सामूहिक रूप से धरती को बचाने में योगदान दे सकते हैं। हमें हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके संरक्षण के लिए कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। कु. शिवानी राठौर ने पृथ्वी दिवस की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि दुनियाभर में पृथ्वी दिवस को पहली बार 22 अप्रैल सन् 1970 में मनाया गया था। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना था। पृथ्वी पर अक्सर उत्तरी ध्रुव की ठोस बर्फ़ का कई किलोमीटर तक पिघलना, सूर्य की पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी तक आने से रोकने वाली ओज़ोन परत में छेद होना, भयंकर तूफ़ान, सुनामी और भी कई प्राकृतिक आपदाओं का होना, जो भी हो रहा है इन सबके लिए मनुष्य ही ज़िम्मेदार हैं। ग्लोबल वार्मिग के रूप में जो आपदाएं आज हमारे सामने हैं। ये आपदाएँ पृथ्वी पर ऐसे ही होती रहीं तो वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी से जीव-जन्तु व वनस्पति का अस्तिव ही समाप्त हो जाएगा। इसलिए समय रहते हमे जागरूक रहने की आवश्यकता है।

पृथ्वी के पर्यावरण को नष्ट करने वाले कारकों की जानकारी देते हुए कु. शिवानी राठौर ने बताया कि पॉलीथीन पृथ्वी के लिए सबसे घातक है, फिर भी हम इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं।

वृक्षों को काटना और नदियों, तालाबों को गंदा करना हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बना हुआ है। पृथ्वी के प्रति मानव की शोषण प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। आज पृथ्वी दिवस पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने गांव शहर राज्य एवं देश को हरा भरा सुखी एवं समृद्ध बनाने में जल जंगल और जमीन के संरक्षण द्वारा पृथ्वी को संरक्षित करने का प्रयास करें जिससे कि आने वाला कल मानव सभ्यता के लिए वरदान साबित हो। इस अवसर पर कु. शिवानी राठौर के साथ गूगल मीट पर अन्य साथी युवा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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