शिवपुरी। अब्दुल कलाम कॉलोनी निवासी पुलिस आरक्षक गणेश राम जाटव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजन उसे गड्ढा मोहल्ला स्थित पुराने आवास पर ले गए। यहां पर देहात थाना पुलिस भी पहुंच गई। आरक्षक के स्वजन शव को पीएम के लिए नहीं ले जाने दे रहे थे। इस दौरान पुलिस और परिजनों की बहस भी हो गई और हंगामे की स्थिति बन गई। इसके बाद अधिकारियों के समझाने पर परिजन पीएम कराने के लिए तैयार हुए।
मृतक गणेश राम की बेटी ने बताया कि बीते रोज रात पापा की तबीयत खराब हुई और उन्हें उल्टियां हुइं। इस पर हम उन्हें जिला अस्पताल लेकर गए। वहां से बोतल चढ़वाकर वापस लौट आए। इसके बाद मंगलवार सुबह पांच बजे पापा बिस्तर के पास गिरे हुए थे। यह देख उन्हें फिर सिद्धि विनायक अस्पताल लेकर गए। यहां चिकित्सकों ने मना कर दिया। इसके बाद वापस घर ले आए। शव का पीएम न कराने पर परिजनों ने कहा कि हम नहीं चाहते थे कि हमारा पापा केशव को काटा जाए इसलिए पीएम नहीं कराना चाहते थे। मृतक गणेश राम कुछ दिन पूर्व करीब 10 मई को कोविड पॉजिटिव हुआ था और वह पीएस होटल में आइसोलेट हुआ था। इसके बाद वहां से 10 दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था। इस मामले में एसपी राजेश सिंह चंदेल का कहना है कि आरक्षक के सिर पर चोट क निशान थे, लेकिन उसके परिजनों ने बताया कि वह तबीयत खराब होने पर गिर गए थे। पीएम एहतियात के तौर पर कराया है, जिससे पता चल सके कि मौत कैसे हुई है।
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