घटना ; ग्वालियर.रतलाम इंटरसिटी एक्सप्रेस तारों में उलझीए 1 घंटे 44 मिनट खड़ी रही
शिवपुरी। शिवपुरी। ग्वालियर.गुना ट्रैक पर विद्युतीकरण का काम चल रहा है। लुकवासा कस्बे के पास ट्रैक पर बिजली के तार झांसी.रतलाम इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन में उलझ गए। तार उलझते देख ट्रेन के पायलेट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए और ट्रेन खड़ी कर दी। ट्रेन के इंजन और डिब्बों में उलझे तारों को यात्रियों की मदद से हटाया गया। इस बीच ट्रेन 1 घंटे 44 मिनिट तक लुकवासा के पास ही खड़ी रही। तार हटने के बाद ट्रेन गुना की ओर रवाना हुई। ड्राइवर की सूझबूझ से हादसा नहीं हो सका। हालांकि ट्रेन का हॉर्न और लाइट फूट गई हैं। हालात यह रहे कि ट्रेन में तार उलझते ही चिंगारियां निकलने लगीं। पत्थर उचटने से आवाज रेल यात्रियों को लगा जैसे गोलियां चल रहीं हों। यदि ड्राइवर सूझबूझ नहीं दिखाता तो ट्रेन में आग लग सकती थी।
गुना से ग्वालियर खंड का विद्युतीकरण किया जा रहा हैए यहीं से तार चोरी कर ले जा रहे थे चोर
जानकारी के मुताबिक ट्रेन क्रमांक 11126 झांसी.रतलाम इंटरसिटी एक्सप्रेस मंगलवार की रात 10ण्52 बजे कोलारस से गुना की ओर रवाना हुई। बदरवास स्टेशन पहुंचने से पहले लुकवासा के पास ट्रैक पर बिखरे पड़े तार ट्रेन में उलझ गए। तार उलझते ही चिंगारियां छूटने के साथ गिटिट्यां उचटने लगीं क्योंकि रेलवे का यह तार काफी मजबूत रहता है। ट्रेन के पहियों के नीचे आने से भी नहीं टूटा। ट्रेन में उलझे तारों को हटाने के लिए लेबर को बदरवास से बुलवाया और गुना से भी रेलवे के अधिकारी बदरवास पहुंचे। पहियों में उलझे तारों को हटाने के बाद ट्रेन को रात 1ण्53 बजे सुरक्षित बदरवास स्टेशन पहुंचाया। इस तरह 1 घंटे 44 मिनट तक ट्रेन लुकवासा स्टेशन पर खड़ी। बता दें कि रेल मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पब्लिक सेक्टर रेल विकास निगम द्वारा इलेक्ट्रिफिकेशन का काम किया जा रहा है। टाटा कंपनी के लोगों द्वारा काम लिया जा रहा है।
यात्रियों को लगा जैसे हमला हुआ हो
ट्रेन खड़ी हो जाने के बाद कुछ यात्रियों ने बताया कि वे सो रहे थे। अचानक गोलियां चलने जैसी आवाज आई जिससे ऐसा लगा जैसे हमला हो गया हो।
मामले की जांच करा रहे हैं
चोरी करने के लिए किसी ने तार काटा है। पहले भी चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। चालक ने ट्रेन रोककर ठीक किया। हालांकि ट्रेन नहीं रोकते तो भी हादसे जैसी कोई बात नहीं होती। इस मामले की जांच करा रहे हैं।
शोभन चौधरी, डीआरएम भोपाल






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