लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में जांच प्ररकण के बावजूद कर रहे भुगतान
शिवपुरी। लोक स्वास्थ्य यांित्रकी विभाग शिवपुरी में प्रभारी कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ एसएल बाथम जिनका मूल पद सहायक यंत्री का है, उनका स्थानांतरण 7 अप्रैल को प्रशासकीय आधार पर प्रमुख अभियंता कार्यालय भोपाल कर दिए जाने क ेबावजूद वे अभी तक शिवपुरी में प्रभारी कार्यपालन यंत्री के पद पर बने हुए हैं और लाखाें के भुगतान कर वित्तीय कार्यों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। बताया जाता है कि पीएचई के ग्वालियर सीई अंडमान जो प्रभारी कार्यपालन यंत्री एसएल बाथम के नजदीकी हैं, वे नहीं चाहते कि बाथम यहां से ईएनसी ऑफिस जाएं। बाथम के स्थान पर जिस अधिकारी का शिवपुरी स्थानांतरण हुआ है, वह भी मूल रूप से सहायक यंत्री है और जिला सागर, जहां वे पदस्थ हैं, वह भी ग्वालियर सीई के अंडर कमांड जिला है। सागर और ग्वालियर मिला कर एक जोन है। ऐसे में माना जा रहा है कि सीई जब तक नहीं चाहेंगे, तब तक बाथम की रवानगी संभव नहीं। सूत्रों का कहना तो यह है कि बाथम ईएनसी कार्यालय ज्वाईनिंग भी दे आए और फिर से यहीं कार्यभार संभालने का कागजी तानावाना भी बुन डाला। इसके तहत वह आज भी उसी सीवर परियोजना की कमान संभालें हैं, जिसमें रहहते उनके विरूद्ध करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला लोकायुक्त ने दर्ज किया है।
उल्लेखनीय है कि शिवपुरी की सीवर परियोजना में 47 डब्ल्यूबीएम सड़कों को कागजों में बनाने संबंधी मामले में लोकायुक्त पुलिस ने जांच उपरांत संतोषीलाल बाथम के विरू0 एफआईआर दर्ज की है। इनके अतिरिक्त आधा दर्जन अधिकारी और निर्माण एजेंसी के कर्ताधर्ताओं के विरूद्ध भी एफआईआर दर्ज की गई है, इसके बावजूद 100 करोड़ से ऊपर की लागत की सीवर परियोजना की कमान इसी विवादित अधिकारी के हाथों में है। कार्यपालन यंत्री का प्रभार संभाल रहे संतोषीलाल बाथम के विरूद्ध और भी मामले आर्थिक अपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ तथा लोकायुक्त पुलिस में विचाराधीन हैं, जिस पर परियोजना का काम इनके सुपुर्द किया गया है, उसमें भी करोड़ों का अनियमित भुगतान किया गया है। पिछले दिनों संतोषी लाल बाथम को यहां से स्थानांतरित करने संबंधी आदेश जारी भी हुए। 7 अप्रैल को जारी इस आदेश का अनुपालन 7 दिवस के भीतर किया जाना था, लेकिन अब तक यह अधिकारी अभी भी अंडर ट्रांसफर होकर अपने वित्तीय पावर का भरपूर उपयोग करने से नहीं चूक रहे हैं।
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