शिवपुरी। जब से मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज शुरू हुआ है तब से इलाज को लेकर अक्सर विवाद खड़े हो रहे हैं। अब मेडीकल कॉलेज प्रबंधन पर डॉक्टर आरोप लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि यहां का ढांचा चरमरा रहा है। डीन के रवैया ठीक नहीं है। यहां भर्ती मरीजों की बात मानें तो मेडीकल कॉलेज स्टाफ की लापरवाही साफतौर से देखने में आ रही है। बीते रोज मेडीकल की छात्रा जाग्रति शाक्य ने अपने पिता क
ी मौत पर कॉलेज प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया लेकिन जब जबाव देने की बारी आई तो मेडीकल कॉलेज प्रबंधन बगलें झांकता रहा।
वहीं एक और डॉक्टर आकाश कटारिया ने मेडीकल कॉलेज के डीन पर कुप्रबंधन के आरोप लगाए हैं उनके पिता सेवा निवृत बैंक अधिकारी विजय वर्मा की मौत से टूटे उनके डॉक्टर पुत्र आकाश कटारिया ने फेसबुक पर जो लिखा वह मेडीकल कॉलेज के नाम पर धब्बे से कम नहीं। आकाश ने लिखा कि पिता का मोबाइल तक नहीं दिया गया।
मोबाइल मांगा तो तो कहा गया कि वह चोरी हो गया। आकाश ने सोशल साइड पर लिखा कि डीन साहब आपके डॉन रूपी रवैए ने मरीजों का मानसिक बल तोड़ दिया है। अगर कोई आईसीयू में भर्ती हो गया तो भगवान भरोसे। मेडीकल कॉलेज के नाम से जनता में भय समा गया है। जानकारी लें कि कितने मरीज ठीक होकर गए। सब जानकारी गलत दी जाती है, मैंने अपने पिता को खोया है। न उनकी केस फाइल दी न ही मोबाइल, जिसमें पापा की यादें और स्मृतियां थीं वह मोबाइल तक चोरी कर लिया। बोले फोन नहीं था वहां। कुल मिलाकर गंभीर सवालों से घिरे मेडीकल कॉलेज को अपनी साख बचाने के लिए कुछ ठोस उपाए करने होंगे तभी जनता के बीच वह स्थापित हो सकेगा। वर्ना ललोग विश्वास खो बैठे तो कितने भी कवायद बेकार साबित होगी। मेडीकल कॉलेज के कुप्रबंधन से मरीजों की लगातार मौत से नगर के लोग डरने लगे हैं। आज हालात पूरी तरह खराब हो गए हैं। इस संबंध में मेडीकल कॉलेज के स्टाफ की कमी साफ तौर से देखने को मिल रही है, लेकिन सिर्फ इतना कह सकते हैं कि ऑक्सीजन की सुविधा जरूर मरजों को उपलब्ध हो सकती है। स्वास्थ्य सुविधाओं पर गौर किया जाए तो शून्य ही नजर आ रहा है।
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