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अब आधा लीटर की बोतल में मिलेगा एक बैग यूरिया / Shivpuri News

शिवपुरी। सहकारिता के क्षेत्र में भारत का गौरव इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO ) भोपाल द्वारा गत दिवस को मध्य प्रदेश के किसान भाइयों व कृषि एवं सहकारिता से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों के लिए इफको नैनो यूरिया तरल उपयोग एवं फसल उत्पादन में महत्व विषय पर एक बेबिनार का आयोजन किया गया।

इस आयोजन में मध्य प्रदेश सहित संपूर्ण भारत से भारी संख्या में किसान भाइयों, सहकारी समिति, विपणन समितियां, इफको की समस्त सहयोगी संस्थाओं के अधिकारियों कर्मचारियों, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों एवं कृषि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं व अन्य लोगों ने भाग लिया।

राज्य विपणन प्रबंधक सुनील सक्सेना द्वारा वेबिनार से जुड़े सभी महानुभावों का स्वागत करते हुए इफको नैनो यूरिया एवं इफको द्वारा कृषक हितैषी किये जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में संक्षेप में बताया। इस वेबिनार को मुख्य अतिथि के रूप में इफको, नई दिल्ली के विपणन निदेशक कुलपति डा.एस.के.राव एवं (अनुसंधान एवं विकास), इफको, कलोल एवं रिसर्च साइंटिस्ट सेंट लुइस, वाशिंगटन विश्वविद्यालय, अमेरिका के महाप्रबंधक डा.रमेश रालिया द्वारा भी संबोधित किया गया। उन्होंने विश्व में पहली बार निर्मित नैनो यूरिया तरल के बारे में जानकारी दी।

मुख्य अतिथि डाॅ.एस.के.राव ने इफको द्वारा इतने कम समय में इफको नैनो यूरिया को शीघ्र ही किसानों के लिए उपलब्ध कराने के क्षेत्र में किये गये कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इससे किसानों के फसल उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ ही गुणवत्ता में भी बढ़ोतरी होगी तथा किसानों को उर्वरक परिवहन व उपयोग में भी बहुत आसानी होगी। अब यूरिया के लिए ट्रेक्टर ट्राली लाने आवश्यकता नहीं पड़ेगी व किसान झोले में ही इफको नैनो यूरिया लेकर जा सकता है। इफको से शीघ्र ही नैनो डीएपी बनाने के लिए भी आशा व्यक्त की।

इफको नैनो यूरिया के जनक डॉ. रमेश रालिया, महाप्रबंधक (अनुसंधान एवं विकास), इफको, कलोल द्वारा डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से बेबिनार में उपस्थित किसान भाइयों एवं अन्य उपस्थित महानुभावों को इफको नैनो यूरिया के बारे में विस्तार से बताया व प्रस्तुतीकरण के बाद किसान भाइयों से आये प्रश्नों को भी जवाब दिया गया।

इफको के विपणन निदेशक योगेन्द्र कुमार द्वारा इफको नेनो यूरिया को कृषि क्षेत्र में एक नयी पहल बताते हुए इसे यूरिया के एक अच्छे बिकल्प के रूप में विकसित करना बताया। उन्होंने बताया कि अब एक बोरी यूरिया की जगह इफको नैनो यूरिया की 500 एम.एल. की बोतल प्रति एकड काफी रहेगी तथा इससे यूरिया की कीमत में कमी आने के साथ-साथ भूमि की उर्वरा शक्ति और भूमिगत जल स्तर में होने वाले नुकसान को भी रोका जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ.डी.के.सोलंकी, मुख्य प्रबंधक (कृषि सेवाएं), इफको, भोपाल द्वारा किया गया। वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते यह कार्य इफको द्वारा डिजिटल माध्यम से किया जा रहा है।

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