बैराड़। तहसील के गांवों में कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम टोड़ा गांव पहुंची। यहां आदिवासियों ने जांच कराने से साफ मना कर दिया। जब स्वास्थ्य टीम ने समझाने की काेशिश की ताे आदिवासी डंडे और लाठियां लेकर आ गए। आदिवासियों के हाथाें में डंडे और लाठियां देखकर टीम को दूर भागना पड़ा और पुलिस काे बुलाया। बाद में पुलिस सुरक्षा में टीम लौट आई। उधर, नहरगढ़ा गांव में पहुंचे एसडीएम और एसडीओपी ने आदिवासियों को समझाया। इसके बाद भी आदिवासी जांच कराने राजी नहीं हुए।
दरअसल, पोहरी बीएमओ शशांक चौहान गुुरुवार को एएनएम के अलावा आशा कार्यकर्ता सुनीता रावत के संग टोड़ा गांव पहुंचे। गांव में जांच करने आई टीम का आदिवासियों ने विरोध कर दिया और जांच कराने से साफ इनकार कर दिया। टीम ने समझाने की कोशिश की तो लोग डंडे व लाठियां लेकर आ गए। ऐसे में टीम को दूर भागना पड़ा और पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलने पर एसआई व प्रधान आरक्षक गाड़ी से पहुंचे। उन्हाेंने भी समझाने का प्रयास किया लेकिन समझाने पर भी आदिवासी जांच कराने राजी नहीं हुए। बाद में टीम को वापस लौटना पड़ा। उधर, कुछ ऐसे ही स्थिति नहरगढ़ा गांव में बनी। यहां एसडीएम जेपी गुप्ता और एसडीओपी निरंजन सिंह राजपूत पहुंचे। आदिवासियों ने इनसे भी स्पष्ट कह दिया कि वे जांच नहीं कराएंगे। समझाने के बाद भी राजी नहीं हुए तो अधिकारी लौट आए।
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