शिवपुरी। दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस का नाम डर है। आप जितना जिस चीज से डरेंगे,वह चीज उतनी ही डराएगी। बीमारी का नाम कोई भी हो जब-जब बीमारी के नाम का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार होता है। हम सब में डर पैदा होता है। डर के कारण ना चाहते हुए भी हम उस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। यह बात कु.शिवानी राठौर जिलाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग महिला कांग्रेस शिवपुरी में गूगल मीट के माध्यम से अपने साथियों को कही। कु. शिवानी राठौर ने बताया कि यदि हम अपने जीवन को सामान्य रखें। एक सामान्य व्यक्ति की तरह व्यवहार करें तथा अपना ध्यान बेहतर स्वास्थ्य की ओर रखें, तो दुनिया की कोई भी बीमारी हमें छू भी नहीं सकती।
एक व्यक्ति के अंदर प्राकृतिक रूप से दुनिया की सभी बीमारियों की वायरस पाए जाते हैं। चाहे उन बीमारियों को हम जानते हो या नहीं। जैसे ही हम किसी बीमारी के नाम से डरने लगते हैं उस बीमारी की प्रतिध्वनि हमारे शरीर के अंदर होती है और उस बीमारी का वायरस हमारे शरीर को प्रभावित करने लगता है।
यदि हम लाइलाज बीमारी की बात करें तो लाइलाज बीमारी का इलाज स्वयं व्यक्ति के पास होता है। उसका इलाज बाहर से नहीं किया जा सकता। प्रत्येक व्यक्ति के अंदर इतनी अंतर शक्ति होती है कि वह अपनी सभी बीमारियों का इलाज बिना किसी दवाई के स्वयं कर सकता है। दवाई लेना जहां अनिवार्य हो वहां दवाई का सेवन जरूरी है। मानसिक बल से बड़ी से बड़ी बीमारी को भी हराया जा सकता है। इसलिए वर्तमान परिस्थितियों में हमें कोई बाहर से बीमारी से बचाने नहीं आएगा। हमें सभी प्रकार की गंभीर बीमारियों से अपनी रक्षा स्वयं करनी होगी। अपनी ऊंचाई के अनुसार एक गोल घेरे में अपने आप को दूसरे व्यक्तियों से दूर रखना होगा तथा साफ सफाई का पर्याप्त ध्यान रखना होगा। किसी भी स्थिति में अनावश्यक रूप से भूखे ना रहें क्योंकि बीमारी का वायरस आते ही सबसे पहले आपके अंदर एक भावना जगाता है कि आज हम को खाना नहीं खाना है। इसलिए समय पर खाना खायें, पूरी नींद लें,पर्याप्त व्यायाम करें, जिससे शीघ्र स्वस्थ हो सकें।
गूगल मीट शिवानी राठौर,खुशी ओझा, भारती जोशी के साथ ही कई युवा साथी उपस्थित रहे।
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