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राष्ट्र गौरव हैं अमर बाल शहीद जोरावरसिंह और फतेहसिंह / Shivpuri News

बक्सपुर विद्यालय में मना वीर बाल दिवस

बदरवास : गुरु गोविंदसिंह जी के दोनों साहबजादे जोरावरसिंह और फतेह सिंह के बलिदान को आज भी इतिहास की सबसे बड़ा बलिदान माना जाता है।अत्याचारी के आगे तनकर खड़े रहने और धर्म रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने के यह घटना मिसाल बन गई है ,यह बात बदरवास के शासकीय मिडिल स्कूल बक्सपुर में वीर बाल दिवस सप्ताह पर आयोजित कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाध्यापक गोविन्द अवस्थी ने कही।
वीर बाल दिवस सप्ताह पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत गुरु गोविंदसिंह और उनके अमर साहिबजादे जोरावरसिंह,फतेहसिंह के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दीप प्रज्वलन विद्यालय के शिक्षक गोविन्द अवस्थी,जितेंद्र शर्मा,गंगा यादव,सुनील ओझा,प्रसन्न यादव ने किया। गुरु गोविंदसिंह और अमर वीर जोरावरसिंह, फतेहसिंह के अमर बलिदान और जीवन चरित्र से विद्यार्थियों को परिचित कराते हुए प्रधानाध्यापक गोविन्द अवस्थी ने कहा कि सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंदसिंह के चार साहिबजादों में से सबसे छोटे जोरावरसिंह और फतेहसिंह के सामने एक तरफ धर्म और राष्ट्र था तो दूसरी तरफ जीवन था लेकिन उन्होंने अपने धर्म की खातिर बलिदान का मार्ग चुना और इस्लाम कबूलने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
जोरावरसिंह और फतेहसिंह अपनी वीरता और आदर्श से ऐसा उदाहरण प्रस्तुत कर गए जो आज भी अनुकरणीय और गौरवशाली है। उन्होंने अपने देश और धर्म की खातिर हंसते हंसते नौ वर्ष और छह वर्ष की अल्पायु में अपना बलिदान दे दिया लेकिन अन्याय के आगे कभी झुकना स्वीकार नहीं किया।शिक्षक जितेंद्र शर्मा ने कहा कि ऐसे अमर बाल वीरों के बलिदान से प्रेरणा लेने की सभी को आवश्यकता है और राष्ट्र इन महान बाल सपूतों जोरावरसिंह और फतेहसिंह को याद कर गौरवान्वित हो रहा है।

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