शिवपुरी। चाहे सिंधिया छत्री हो, भदैया कुंड, सेलिंग क्लब या फिर शहर के अन्य पर्यटक स्थल। इन स्थलों के चित्रों को हूबहू कैनवास पर उतारने वाले चित्रकार आजाद सर अब नहीं रहे।
उनके निधन पर शहरवासियों ने शोक जाहिर किया। उनसे निकटता से जुड़े शहर के रंगकर्मी और साहित्यकार दिनेश वशिष्ठ ने बताया कि सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल के कार्यक्रम अक्सर आजाद सर किया करते थे। एक बार उन्होंने शिवपुरी से लेकर दिल्ली तक साइकिल से एकता यात्रा निकाली थी। देशभक्ति का जज्बा उन में कूट-कूट कर भरा था। अपने पिता नन्हे खान से विरासत में उन्हें चित्रकारी के संस्कार मिले। उन्होंने उन संस्कारों को बखूबी निभाया। शहर में जितने भी सांस्कृतिक आयोजन हुआ करते थे जिनमें रामायण और महाभारत के प्रदर्शन कलाकारों द्वारा किया जाता था उन सब में मेकअप के साथ-साथ बैकअप के दृश्य भी आजाद सर द्वारा बनवाए जाते थे। उनके दुनिया से रुखसती हो जाने से अब शहर में उम्दा चित्रकार के साथ-साथ बेहतर इंसान हमेशा के लिए हमने खो दिया है।
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