शिवपुरी: पोहरी तहसील अंतर्गत ग्राम माधौपुर स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 50 को लेकर गंभीर विवाद सामने आया है। किसान नंदकिशोर धाकड़ ने तहसीलदार पोहरी को आवेदन देकर भूमि के नामांतरण पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। प्रकरण में विक्रेता पर अनुबंध तोड़कर भूमि किसी अन्य व्यक्ति के नाम रजिस्ट्री कराने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
अनुबंध के तहत 9.50 लाख रुपये का भुगतान
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पिपरघार निवासी नंदकिशोर धाकड़ ने गजनलाल आदिवासी से दिनांक 22 अप्रैल 2023 को भूमि विक्रय का अनुबंध किया था। अनुबंध के अनुसार भूमि का सौदा 10 लाख रुपये में तय हुआ था, जिसमें से 9 लाख 50 हजार रुपये एडवांस के रूप में दिए जा चुके थे। शेष 50 हजार रुपये रजिस्ट्री के समय देना तय था।
आंशिक रजिस्ट्री के बाद बदली नीयत के आरोप
प्रार्थी के अनुसार अनुबंध अवधि के दौरान सर्वे नंबर 50 में से साढ़े चार विस्वा भूमि की रजिस्ट्री उसके नाम कर दी गई थी, लेकिन शेष भूमि की रजिस्ट्री जानबूझकर रोक दी गई। आरोप है कि अधिक लाभ कमाने की नीयत से विक्रेता गजनलाल आदिवासी ने शेष भूमि की रजिस्ट्री किसी अन्य महिला रेखा गुप्ता के नाम कर दी।
पूरी राशि उपलब्ध होने के बावजूद नहीं कराई रजिस्ट्री
नंदकिशोर धाकड़ का कहना है कि उसके पास न केवल शेष राशि बल्कि रजिस्ट्री का पूरा खर्च उपलब्ध था, इसके बावजूद उसे बिना सूचना दिए तीसरे व्यक्ति के नाम भूमि का विक्रय कर दिया गया। इससे प्रार्थी को भारी आर्थिक नुकसान और मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी है।
सिविल न्यायालय जाने की तैयारी, नामांतरण पर रोक जरूरी
प्रार्थी ने तहसीलदार को दिए आवेदन में स्पष्ट किया है कि वह उक्त विवादित भूमि की रजिस्ट्री निरस्त कराने हेतु सिविल न्यायालय में वाद दायर करने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में जब तक मामला न्यायालय में विचाराधीन न हो जाए, तब तक भूमि पर किसी भी प्रकार का नामांतरण किया जाना न्यायसंगत नहीं होगा।
तहसील प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
आवेदन में तहसील प्रशासन से आग्रह किया गया है कि ग्राम माधौपुर स्थित सर्वे नंबर 50 की भूमि पर नामांतरण की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए, जिससे न्यायालयीन प्रक्रिया प्रभावित न हो और पीड़ित किसान को न्याय मिल सके।







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