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शिवपुरी में 1500 बीघा सरकारी जमीन का फर्जीवाड़ा: शमशान, मंदिर और वन भूमि को बेचा, कलेक्टर ने रद्द किए सभी नामांतरण / Shivpuri News

शिवपुरी:जिले के सुरवाया क्षेत्र में बड़े भूमि घोटाले के आरोप लगे है। भू-माफियाओं ने प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से करीब 1500 बीघा शासकीय भूमि का फर्जी नामांतरण करा लिया। इस भूमि में श्मशान घाट, मंदिर, तालाब, पहाड़ और वन भूमि शामिल है।

मामले का खुलासा होते ही कलेक्टर रविन्द्र चौधरी ने सभी नामांतरण रद्द कर भूमि को प्रशासन के अधीन कर दिया है। साथ ही इसके क्रय-विक्रय पर रोक लगाते हुए मूल विक्रेताओं के नाम बहाल करने के आदेश दिए हैं।

प्रकरण में तत्कालीन एसडीएम उमेश कौरब की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। उन्होंने नियमों की अनदेखी कर नामांतरण किया और खरीदारों को उसी दिन नकल जारी कर दी। कलेक्टर ने उन्हें हटाकर अनुपम शर्मा को नया एसडीएम नियुक्त किया है।

जांच में सामने आया कि गुलमाता प्राइवेट कंपनी ने यह जमीन मात्र 1.05 करोड़ रुपए में खरीदी, जबकि इसका शासकीय मूल्य 8.62 करोड़ रुपए था। वन भूमि को अकृषि भूमि में बदलने का निर्णय सिर्फ एक पटवारी के बयान पर लिया गया, जो नियमों के विरुद्ध था।

इस घोटाले में सीलिंग एक्ट और फॉरेस्ट एक्ट का उल्लंघन हुआ है। पंजीयन, राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। कलेक्टर के इस फैसले से भू-माफिया खेमे में हलचल मच गई है।

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