शिवपुरी: शहर में एम एम अस्पताल ने शिवपुरी को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया हैं. पिछले 25 सालों में एम एम अस्पताल ने शहर में उत्कृष्ट चिकित्साएं सेवाएं एवं सुविधाएं दी हैं. जिससे शिवपुरी एवं आसपास के क्षेत्र के मरीजों को उच्च स्तरीय इलाज के लिए ग्वालियर एवं दिल्ली जैसे बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती एवं अस्पताल की मौजूदगी से शिवपुरी के लोगों को उनके ही शहर में मॉडर्न एवं एडवांस मेडिकल फैसिलिटी मिल रही हैं. डॉ नितेश गोस्वामी ने बताया की हॉस्पिटल बंद होने से 40 परिवार का रोजगार छिन गया हैं. हॉस्पिटल चालू करवाने की मांग सभी स्टाफ ने की हैं. महेंद्र सिंह धाकड़ ने बताया की घटनाक्रम के दिन मरीज को रेफर कर दिया था. लेकिन मरीज के परिजन इलाज कराने को लेकर अड़े हुए थे और कह रहे थे अगले दिन ग्वालियर ले जाएंगे. इसी के चलते मरीज की मौत हो गई. अगर वह रेफर के बाद समय से मरीज को ले जाते तो हो सकता है जान बच सकती थी.
बता दें कि एमएम अस्पताल की शुरुआत सन 2000 को महेंद्र मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल के रूप में हुई थी. तभी से एएम हॉस्पिटल मेडिकल क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहा हैं.
एमएम हॉस्पिटल को अभी तक 25 साल पूरे हो चुके हैं विगत 5 वर्षों में 60 हजार मरीज का 200 रुपए फीस लेकर उपचार किया हैं. 6 हजार मरीजों से मात्र 100 रुपए फीस लेकर इलाज किया हैं. 8 हजार मरीज भर्ती किए गए उनसे मात्र 200 रुपए प्रतिदिन शुल्क लिया गया. 7 हजार स्कूली बालक बालिकाओं को मात्र 70 रुपए फीस लेकर देखा गया. 1500 मेजर माइनर अस्थि रोग के मरीज ठीक किए गए. जनरल सर्जरी के 1800 मरीज के सफल ऑपरेशन किए गए. कलेक्टर के आदेश पर कोरोना महामारी में बीपीएल कार्ड धारक का निशुल्क इलाज किया. अस्पताल में शिवपुरी, अशोकनगर, राजस्थान, मुरैना जिला के मरीजों का यह अस्पताल आभारी है.

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