Press "Enter" to skip to content

जिला अस्पताल में बीमार वार्ड बॉय की मौत: परिजनों का आरोप-16 माह से नहीं मिला वेतन, उपचार के अभाव में हुई मौत / Shivpuri News

शिवपुरी के जिला अस्पताल में पदस्थ वार्ड बॉय ने रविवार रात की रविवार रात को इलाज के दौरान माैत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि उसे 16 माह से वेतन नहीं मिला था और वह लीवर की बिमारी से भी जूझ रहा था। पैसा नहीं होने के चलते वह अपना बेहतर उपचार नहीं करा सका, जिससे वह डिप्रेशन में भी चला गया था।

जानकारी के अनुसार, पुरानी शिवपुरी निवासी कैलाश कुशवाह जिला अस्पताल में वार्ड बॉय के पद पर पदस्थ था। उसे रविवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वह लंबे समय से लीवर की बिमारी से जूझ रहा था। रविवार रात को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

तीन वार्डबाॅय को नहीं मिला 16 माह का वेतन

परिजनों ने बताया कि जिला अस्पताल में वार्ड बॉय के पद पर कैलाश कुशवाह (45), हरिशंकर कुशवाह, सुनीता भगत को पिछले 16 माह से वेतन नहीं मिला। इसकी कई शिकायतें विभाग से सहित कलेक्टर को दर्ज कराई गई थी। लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई थी।

उन्होंने बताया कि 13 दिन पहले 26 नवंबर को वार्ड बॉय कैलाश कुशवाह की मां अपने बीमार बेटे को लेकर कलेक्टर के पास जनसुनवाई में भी पहुंची थी। कैलाश कुशवाह की मां का कहना था कि उसके बेटे को 16 का माह वेतन नहीं मिला हैं।

जबकि, वह लीवर की बिमारी से जूझ रहा था। पैसों के अभाव में सही इलाज तक नहीं करा पा रहे हैं। वहीं जिला अस्पताल सिविल सर्जन डॉ. बीएल यादव का उस समय कहना था कि बजट के आभाव में तीनों कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल सका है।

वेतन मिलता तो बच सकती थी जान

इसके बाद रविवार रात को जिला अस्पताल में कैलाश कुशवाह ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने विभाग पर वेतन देने में लापरवाही करने के आरोप लगाए हैं। कैलाश के बड़े भाई मनोज कुशवाह का कहना है कि भाई को 16 माह से वेतन नहीं मिला था, जिससे वह कर्ज में डूब गया था।

कर्जा लेने वाले उसे पैसा लौटाने के लिए लगातार दबाब बना रहे थे, साथ ही वह बिमारी से भी जूझ रहा था। इसके चलते वह डिप्रेशन में भी आ गया था। कैलाश ने सिविल सर्जन ने कई वार वेतन दिलाने की गुहार लगाई गई थी, लेकिन उनके द्वारा परेशान किया गया।

वहीं छोटे भाई वीरेन्द्र कुशवाह ने बताया कि कलेक्टर से लेकर सिविल सर्जन से कई वार वेतन दिलाने की गुहार लगाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हर बार सिविल सर्जन द्वारा पत्राचार करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता था। ऐसे में अगर समय पर वेतन मिलता तो कैलाश की जान ग्वालियर-भोपाल में इलाज कराकर बच सकती थी।

सिविल सर्जन बोले- फाइनेंस डिपार्टमेंट में फंसा था वेतन

वहीं जिला अस्पातल के सिविल सर्जन डॉ. बीएल यादव ने बताया कि जिला अस्पताल के तीन वार्ड बॉय के वेतन फाइनेंस डिपार्टमेंट में फंसे थे। कुछ दिन पहले ही तीन माह की वेतन के लगभग 50 हजार रुपए की राशि कैलाश कुशवाह को उपलब्ध करा दी थी।

लेकिन, बीते शाम उसके निधन की सूचना मिली। विभागीय सहायता के तौर पर उनके परिवार को 50 हजार रुपए की सहायता उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके साथ ही रुके हुए वेतन का भुगतान भी परिजनों को दिया जाएगा।

More from Fast SamacharMore posts in Fast Samachar »
More from ShivpuriMore posts in Shivpuri »

Be First to Comment

Leave a Reply

error: Content is protected !!