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शिवपुरी। कोरोना महामारी के इस दौर में हर दिन कई लोग जिंदगी से जंग हार रहे हैं। वहीं कुछ लोगों को मानवता भी इस दौर में इतनी संक्रमित हो चली है कि वे समाज के लिए नासूर बन रहे हैं। पिछोर में रविवार सुबह एक युवक हीरेंद्र ऊर्फ आपा त्रिवेदी छत्रसाल स्टेडियम में सोता हुआ मिला। जब लोगों ने पूछा तो पता चला कि कुछ दिन पूर्व वह कोरोना संक्रमित हुआ था। तब कुछ दोस्तों ने मदद करते हुए उसे इलाज के लिए शिवपुरी भेजा। शिवपुरी से उसे दो दिन में डिस्चार्ज कर दिया गया और वह पिछोर लौट आया। जब वह लौटा तो उसके मामा ने उसे अपने घर में रखने से इंकार कर दिया।
आपा के पिता आर्मी में थे और उनका देहांत हो चुका है। उसकी मां भी नहीं हैं और वह अपने मामा के साथ रहता था। कोरोना संक्रमण के कारण उसके मामा ने उसे घर से ही निकाल दिया। मानवता को शर्मशार करने वाला यह वाक्या वहां जिसने भी देखा वह आक्रोश से भर बैठा। स्थानीय लोगों ने मदद करते हुए आपा को दोबारा से कोरोना का परीक्षण कराया जिसमें वह निगेटिव भी आ गया। इसके बाद भी उसके मामा ने उसे घर में नहीं रखा। अब उसके सामने संकट है कि महामारी के इस दौर में वह जाए तो जाए कहां। हालांकि अभी पिछोर के समाजसेवी युवाओं ने उसकी अस्थाई व्यवस्था कर दी है, लेकिन आपदा में सामने आ रही यह तस्वीरें इसके दुखद पहलू को दिखा रही हैं।
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