पहले बैच में 12 भारतीय नागरिकों को निकाला गया। उनकी यह तस्वीर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शेयर की।
भारत सरकार ने हैती में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन इंद्रावती शुरू कर दिया है। इसके तहत गुरुवार देर रात 12 लोगों को कैरेबियाई द्वीप डोमिनिकन रिपब्लिक ले जाया गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसकी जानकारी दी। हैती में 23 दिनों से हिंसा जारी है। सड़कों पर लाशें बिछीं हैं।
जयशंकर ने गुरुवार रात X पर लिखा- भारत ने हैती से अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन इंद्रावती शुरू किया। आज 12 भारतीयों को निकाला गया। इन्हें डोमिनिकन रिपब्लिक भेजा गया। हम विदेशों में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। डोमिनिकन रिपब्लिक की सरकार को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद।
पेटियन-विले शहर में लाश को सफेद चादर से ढकता हुए एक शख्स।
4 हजार कैदियों के फरार होने के बाद हिंसा बढ़ी
कैरेबियाई देश हैती में मार्च की शुरुआत से ही हिंसा हो रही है। दरअसल, 29 फरवरी को देश में मौजूद क्रिमिनल गैंग के लोगों ने कई सरकारी संस्थानों में हमले कर दिए थे। उन्होंने जेल पर हमला किया था, जिसके बाद 4 हजार कैदी फरार हो गए। ये हथियारबंद लोग देश के कई हिस्सों में आगजनी कर रहे हैं, दुकानों घरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं।
पेटियन-विले शहर में सड़क पर पड़ी खून से लथपथ लाश।
15 मार्च को भारतीयों को निकालने तैयार हुई थी सरकार
15 मार्च को विदेश मंत्रालय के स्पोक्स पर्सन रणधीर जैसवाल ने कहा था- जरूरत पड़ने पर भारत अपने नागरिकों को हैती से निकालने के लिए तैयार है। जैसा कि आप जानते हैं हैती में संकट है। अगर जरूरत पड़ी तो हम वहां से अपने लोगों को निकालेंगे। हम इवैक्यूएशन के लिए तैयार हैं। हमने यहां विदेश मंत्रालय में एक कंट्रोल रूम बनाया है। हमने हैल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
स्थिति को कंट्रोल करने हैती की पुलिस वहां की सेना की मदद ले रही है।
भारत सरकार नजर बनाए हुए है
हैती में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर चिंताओं पर जैसवाल ने कहा था कि डोमिनिकन रिपब्लिक की राजधानी सैंटो डोमिंगो में दूतावास, जो हैती के लिए मान्यता रखता है, स्थिति पर नजर बनाए हुए है। सैंटो डोमिंगो में हमारा दूतावास स्थिति पर नजर रख रहा है और मंत्रालय भी स्थिति पर पूरी तरह नजर बनाए हुए है।
चश्मदीदों का कहना है कि उन्होंने पेटियन-विले शहर में 12 लाशें सड़कों पर पड़ी देखी।
हैती के प्रधानमंत्री का इस्तीफा
बढ़ती हिंसा के बीच 12 मार्च को हैती के प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने इस्तीफा दे दिया। ब्रिटिश मीडिया BBC के मुताबिक, हैती में हिंसा प्रधानमंत्री एरियल हेनरी के केन्या जाने के बाद शुरू हुई। दरअसल, प्रधानमंत्री केन्याई नेतृत्व वाले बहुराष्ट्रीय सुरक्षा बल (मल्टीनैशनल सिक्योरिटी फोर्स) की हैती में तैनात को लेकर चर्चा करने के लिए नैरोबी गए हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री को पद से हटाने के लिए हैती के सभी क्रिमिनल गैंग एकजुट हो गए और हिंसा करने लगे।
क्रिमिनल गैंग के लोगों ने सड़क पर खड़ी साइकिलें जला दीं।
80% हैती पर क्रिमिनल गैंग का कब्जा
2 मार्च को दो जेलों पर हमला हुआ। यहां से 4 हजार कैदी भाग गए। कुछ को पुलिस ने मार गिराया। भागने वाले कैदियों में वो कैदी भी शामिल है जिसने 2021 में हैती के प्रेसिडेंट जोवेनेल मोइसे की हत्या की थी। UN के मुताबिक, अब 80% हैती पर क्रिमिनल गैंग का कब्जा हो चुका है। बाकी के इलाकों में हिंसा जारी है। 30 हजार से ज्यादा लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
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