भोपाल

बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आंचल चिल्ड्रन होम का निरीक्षण किया तब बच्चियों के गायब होने की जानकारी मिली।
भोपाल में एक NGO के अवैध हॉस्टल (चिल्ड्रन होम) से एक बालक और 26 बच्चियां गायब हो गईं। हॉस्टल में बच्चियों से ईसाई धर्म की प्रैक्टिस करवाई जाती थी। एक बच्ची से लड्डू गोपाल की मूर्ति विसर्जित करवाने की बात भी सामने आई है। परवलिया पुलिस ने हॉस्टल संचालक और पदाधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। वहीं, राष्ट्रीय बाल आयोग ने संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव वीरा राणा से सात दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है।
वहीं, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार से संज्ञान लेने एवं त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।
तारा सेवनिया में चिल्ड्रन होम बिना अनुमति के संचालित हो रहा है। इसमें मध्यप्रदेश के सीहोर, रायसेन, छिंदवाड़ा, बालाघाट के अलावा गुजरात, झारखंड और राजस्थान की बच्चियां रहती हैं। बताया जाता है कि इसमें 68 बच्चियों के रहने की एंट्री है, लेकिन यहां मात्र 41 बच्चियां मिलीं।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने शुक्रवार को आंचल मिशनरी संस्था द्वारा संचालित चिल्ड्रन होम का निरीक्षण किया। यहां के संचालक अनिल मैथ्यू ने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए जो बच्चे सड़कों से रेस्क्यू किए, उनको अपने हॉस्टल यानी चिल्ड्रन होम में रखा है। उनसे ईसाई धार्मिक प्रैक्टिस करवाई जा रही है। 6 साल से 18 साल तक की 40 से ज्यादा लड़कियों में अधिकांश हिंदू हैं। संस्था को जर्मनी से फंड मिलता है।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शुक्रवार को आंचल मिशनरी संस्था द्वारा संचालित चिल्ड्रन होम का निरीक्षण किया था।
कानूनगो बोले- सीडब्ल्यूसी के सामने पेश ही नहीं किया
प्रियंक कानूनगो ने बताया कि मप्र सरकार ने एक एनजीओ को चाइल्ड हेल्प लाइन पर आने वाली शिकायतों को सुनने और मुश्किल में फंसे बच्चों को रेस्क्यू करने का काम सौंप रखा है। एनजीओ संचालक ने भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में आंचल नाम से हॉस्टल बनाया है।
एनजीओ के कर्मचारियों ने चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 पर आए डिस्ट्रेस और मुश्किल में फंसे बच्चों के कॉल के आधार पर साल 2020 से रेस्क्यू शुरू किया। अब तक 43 बच्चियों को रेस्क्यू किया। इनकी उम्र 6 से 18 साल के बीच है।
प्रियंक कानूनगो का कहना है कि इस संस्था ने बच्चों को भोपाल की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश करने के बजाय सीधे हॉस्टल में रखा। नियमानुसार सीडब्ल्यूसी के सामने पेश कर, बालिका गृह में भेजा जाना था।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सीएस वीरा राणा को चिट्ठी लिखकर सात दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है।
बाल आयोग ने सीएस को पत्र में यह लिखा
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सीएस को लेटर में लिखा, ‘भोपाल के आंचल बालगृह का निरीक्षण किया गया। इस दौरान बालगृह के अधिकारियों एवं बालगृह में मौजूद बच्चों से बातचीत की। इसमें पता चला कि बालगृह न तो पंजीकृत है और न ही मान्यता प्राप्त है। संलग्न सूची में 68 निवासरत बच्चियां दर्ज थीं। निरीक्षण के दौरान 41 बच्चियां ही मिलीं। सभी बच्चियां बाल कल्याण समिति के आदेश के बिना रह रही हैं। बालगृह के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि बच्चों को चाइल्ड इन स्ट्रीट सिचुऐशन से रेस्क्यू कर बिना बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किए यहां रखा जा रहा है। यह बालगृह पूर्व में रेलवे चाइल्ड लाइन चलाने वाली संस्था संचालित कर रही है।’

आंचल चिल्ड्रन होम जर्मनी की फंडिंग से संचालित हो रहा है। यहां बच्चों से ईसाई धार्मिक प्रैक्टिस करवाई जाती है।
हॉस्टल में कई धर्म की बच्चियां, प्रार्थना ईसाई धर्म के अनुसार
मामले में रिपोर्ट भोपाल के जिला कार्यक्रम अधिकारी व बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास ने दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया है कि आंचल हॉस्टल के संचालक अनिल मैथ्यू ने गैरकानूनी तरीके से बच्चों को रखा। चिल्ड्रन होम का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है।
निरीक्षण के दौरान रजिस्टर्ड 68 में 41 बच्चियां मिलीं। गैरहाजिर बच्चियों के संबंध में हॉस्टल संचालक जवाब नहीं दे सके। किचन में मांस मिला। हॉस्टल में कई धर्म की बच्चियां हैं, लेकिन उन्होंने बताया कि ईसाई धर्म के अनुसार ही प्रार्थना कराई जाती है। हॉस्टल में कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। रात में 2 महिलाओं के अलावा 2 पुरुष गार्ड रहते हैं। जबकि, बच्चियों की सुरक्षा के लिए सिर्फ महिला गार्ड ही होना चाहिए।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य निवेदिता शर्मा ने कहा- बच्चों को उनके धर्म और परिवार के प्रति उदासीन बना देने ठीक नहीं।
लड्डू गोपाल की प्रतिमा विसर्जित कराई
राज्य बाल आयोग की सदस्य निवेदिता शर्मा ने बताया, ‘निरीक्षण के दौरान मैंने एक बच्ची से बात की। पूछा- बेटा आप लोग अपनी प्रार्थना नहीं करते। उसने बताया कि करते थे। लड्डू गोपाल की प्रतिमा थी। इसे विसर्जित करा दिया। बच्चों को उनके धर्म और परिवार के प्रति उदासीन बना देना और यही सोच लेना कि फादर अनिल मैथ्यू जो कह रहे हैं, वही सही है, ये तो गलत ही है।’

ये भट्टी आंचल चिल्ड्रन होम के पिछले हिस्से में बनी है। यहां बच्चों के लिए खाना बनाया जाता था। आयोग की जांच के बाद इसमें कुछ कागज जलाए गए हैं। इनके अवशेष बाकी हैं।
एसपी बोले- बच्चियों के बयान दर्ज कर रहे
एसपी प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि चाइल्ड वेलफेयर समिति में बच्चियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। उनके बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब तक की जांच में बच्चियों के साथ किसी प्रकार की यौन उत्पीड़न, मारपीट संबंधी बात सामने नहीं आई है। सभी पहलुओं पर मामले की जांच की जा रही है। आंचल चिल्ड्रन होम का संचालन अवैध तरीके से किया जा रहा था। इसी आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है।
पूर्व मंत्री बोले- BJP की सरकार रहती है तो घिनौना खेल होता है
अवैध चिल्ड्रन होम के इस मामले में कांग्रेस का बयान भी सामने आया है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, जब-जब भाजपा की सरकार रहती है, इस तरह के अवैध बाल संरक्षण गृह तेजी से उभरते हैं। धर्मांतरण के साथ-साथ मानव तस्करी का घिनौना खेल होता है। अनैतिक कार्यों की भरमार होती है। भाजपा के राज में गौ माता के स्लॉटर हाउस की संख्या भी बढ़ती है। धर्म के नाम पर राजनीति भाजपा करती है और उनके शासनकाल में ही ऐसी गतिविधियां होती हैं, यह शर्मनाक है।











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