मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने मंगलवार देर रात राज्य सेवा परीक्षा-2019 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। 87 फीसदी पदों पर चयन सूची जारी की गई है। ओबीसी आरक्षण मामला कोर्ट में लंबित होनेके कारण 13 फीसदी पदों पर नियुक्तियां रोकी गई हैं। टॉप-10 में 7 लड़कियां हैं।
राज्य सेवा परीक्षा 484 पदों के लिए हुई थी। इनमें से फिलहाल 472 का रिजल्ट जारी किया गया है। इन पदों में से 197 पर महिलाओं ने बाजी मारी है। यह कुल भर्ती संख्या का 42 प्रतिशत है। 13 कैंडिडेट डिप्टी कलेक्टर जबकि 9 डीएसपी बनी हैं।
आयोग द्वारा जारी डिप्टी कलेक्टर श्रेणी की सूची में पहले नंबर पर सतना की प्रिया पाठक, दूसरे पर सिवनी की शिवांगी बघेल और तीसरे नंबर पर पन्ना की पूजा सोनी हैं। इनके अलावा राहुल कुमार पटेल, निधि मिश्रा, हरनीत कौर कलसी, सौरभ मिश्रा, सलोनी अग्रवाल, रीतिका पाटीदार, आशुतोष महादेव सिंह ठाकुर के नाम मेरिट लिस्ट में हैं। डीएसपी पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची में पहला नाम रुचि जैन, दूसरा ललित बैरागी और तीसरे नंबर पर हर्ष राठौर का है।
कुल 484 पदों के लिए चयन सूची जारी होनी थी, लेकिन इनमें से 12 पदों (दिव्यांग व अन्य कोटे) के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मिले, इसलिए 472 पदों के लिए फाइनल रिजल्ट जारी हुआ है। बाकी पदों के लिए कोर्ट के फैसले के बाद सूची जारी होगी। अब 2019 के इन अभ्यर्थियों के साथ ही 2020 के अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
ओबीसी आरक्षण पर निर्णय के बाद बाकी 13% पदों का रिजल्ट घोषित होगा
सभी पदों के लिए 87 प्रतिशत के अनुपात में ही चयन सूची जारी की गई है। शेष 13 प्रतिशत अभ्यर्थियों के नाम होल्ड पर रख दिए गए हैं। 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही शेष 13 प्रतिशत पदों के लिए परिणाम आएंगे।
2019 में चयन प्रक्रिया के तहत दो अलग-अलग मुख्य परीक्षाएं ली गईं और उस आधार पर एक रिजल्ट जारी किया गया। इससे पहले पीएससी मुख्य परीक्षा का रिजल्ट दो बार बदल चुका है। साथ ही इंटरव्यू में चयनित उम्मीदवारों की सूची भी बदली गई है। चयन प्रक्रिया को लेकर कोर्ट में प्रकरण लंबित है। इस चयन प्रक्रिया और एक चयन के लिए अलग-अलग परीक्षाएं लेने और नॉर्मलाइजेशन के फार्मूले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं लग चुकी हैं।
अगस्त 2023 में हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश के जरिए 389 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में शामिल करने का आदेश दिया था। पीएससी इसके खिलाफ फिर कोर्ट में गया। आयोग ने कहा कि कोर्ट ने पुराने आदेश को रद्द कर दिया। इसके बाद पीएससी ने विधिक राय की प्रक्रिया की।
कामयाबी के लिए एकाग्रता के साथ पढ़ाई जरूरी
पूजा सोनी ने कहा, ‘मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार को लेकर मैं बहुत ही बैचेन थी कि आखिर क्या परिणाम आएगा। इस सफलता में मेरे माता-पिता और भाई का योगदान है।’ मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली पूजा ने बताया कि उनके पिता खेती करते हैं, मां गृहिणी हैं। परिवार में इतने बड़े पद पर पहुंचने वालीं वे पहली सदस्य हैं।
पूजा ने कहा कि कामयाब होने के लिए एकाग्रता के साथ पढ़ाई करना बहुत जरूरी है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए घंटों का निर्धारण नहीं होता। आपके अंदर कामयाबी की आग जलनी चाहिए। मेरा भी यही प्रयास रहा। जब आप बड़ी परीक्षा पास करते है तो आत्मविश्वास अपने आप बढ़ जाता है।
टॉपर लिस्ट में 5वीं रैंक पाने वाली निधि मिश्रा धार की रहने वाली हैं। इंदौर के एक्रोपोलिश कॉलेज से पढ़ाई पूरी की है।
खरगोन जिले में झिरनिया की रहने वाली सलोनी अग्रवाल ने 8वीं रैंक हासिल की है। पहले अटेम्प्ट में ही डिप्टी कलेक्टर का पद मिला है।
इंदौर की सिम्मी यादव को 14वीं रैक, शादी के बाद शुरू की तैयारी
इंदौर की सिम्मी यादव ने शादी के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी शुरू की थी।
14वीं रैंक हासिल करने वाली सिम्मी यादव इंदौर के नरीमन सिटी में रहती हैं। साल 2016 में राहुल यादव के साथ विवाह के बाद सिम्मी ने MPPSC की परीक्षाओं की तैयारी शुरू की। मां सरकारी नौकरी में हैं। सिम्मी का कहना है कि परिवार ने मुझे पढ़ाई के लिए काफी सपोर्ट किया। सिम्मी का 2020 में भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हो चुका है।
किसान का बेटा बना डीएसपी, कहा- मेहनत और परिवार के सपोर्ट का परिणाम
25 साल के आशुतोष ने अपनी सफलता का श्रेय परिवार को दिया।
Be First to Comment