करैरा। करैरा तहसील के ग्राम बनगवा में स्वच्छता अभियान मजाक बनकर रह गया है। केंद्र सरकार स्वच्छता के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रही है। हर जिले को स्वच्छता के लिए अच्छा खासा बजट भी मिल रहा है। इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंच और सचिवों की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार के चलते बुरे हालात हैं। बनगवा में सरपंच और सचिव की लापरवाही के चलते पूरे गांव की सड़कों पर जगह-जगह गंदगी, कीचड़ और मलमूत्र जमा हो रहा है। पंचायत सचिव सूरज कुशवाह से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर कोई भी सफाई कर्मचारी नहीं है। गांव के ही लोग अपने घरों के आगे साफ सफाई स्वयं कर लेते है। रही बात सड़कों पर गंदगी, मलमूत्र फैलने की तो यह अकेली पंचायत नहीं है, करैरा ब्लाक की कई ऐसी पंचायत है जहां सड़कों पर चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। जिम्मेदार ही इस तरह के बयान देकर स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखा रहे हैं, तो बड़ा सवाल है कि कैसे गांव में स्वच्छता आएगी। ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव का स्वच्छता अभियान पर कोई ध्यान ही नहीं है। इससे ग्राम के मुख्य मार्गों पर मल-मूत्र सड़को पर एकत्रित हो रहा है। यहां से गुजरने वाले राहगीर परेशान हैं।
नालियां पड़ी चौक, पनप रहे मच्छर
बनगवा के गली मोहल्ले में साफ-सफाई न होने से नालियां चौक हैं। इनमें मच्छर पनप रहे हैं। मुख्य मार्गों पर कीचड़ जमा है जिससे गंदगी फैल रही है। सबसे से ज्यादा हालत कुशवाहा और रावतों की बस्ती और दूसरी तरफ पुरानी आंगनबाड़ी केंद्र से आगे पूर्व सरपंच के निवास के पास की खराब है। वहां मलमूत्र बीच रोड फैला है।
खुले में शौच के लिए जा रहे महिला-पुरुष, 50 फीसद से ज्यादा अधूरे
जपं करैरा के ग्राम बनगवां में स्वच्छता के नाम पर भले ही 200 से ज्यादा शौचालय कागजो में बन गए हों, लेकिन धरातल पर आधे अधूरे ही हैं। शौचालय की सचिव सरपंच इंजीनियर ने ओडीएफ कराकर पूरे गांव को खुले में शौच से मुक्त करा दिया। लेकिन सच्चाई यह है कि ग्राम बनगवा के ग्रामीणजन आज भी खुले में शौच के लिए जाते है। फर्जी बिल वाउचर लगाकर स्वच्छता अभियान को पलीता लगाया है। स्थिति यह हो गई है कि गांव की हर गली मोहल्ले में चौतरफा गंदगी का साम्राज्य बना है। इससे भी कई बीमारियां फैल रही है।
इनका कहना है
बनगवा पंचायत अकेली नहीं है। ऐसी करैरा ब्लाक में कई पंचायत है जिनमे सड़को पर गंदगी फैली हुई है। हमारे पर कोई सफाई कर्मी नहीं और न ही कोई पैसा इनके नाम पर निकाला जाता है। गांव में साफ-सफाई सभी लोग अपने अपने घर के आगे स्वयं कर लेते हैं।
– सूरज कुशवाह, सचिव, ग्राम पंचायत बनगवा, जपं करैरा।
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