शिवपुरी। खबर अमोला थाना क्षेत्र से आ रही है जहां ग्राम राजगढ़ में चल रहे भंडारे को रोकने गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने पत्थर व डंडों से हमला कर दिया। हमला होते देख पुलिस टीम जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर भागी। घटना में करीब एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी चोटिल हो गए। मामले में पुलिस ने पांच नामजद लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
थाना प्रभारी राघवेंद्रसिंह यादव ने बताया कि दोपहर 2 बजे के करीब उन्हें ग्राम राजगढ़ से फोन आया कि गांव में तालाब के पास बने माता के मंदिर पर गांव के लोग भंडारे का आयोजन कर रहे हैं जिसमें काफी संख्या में भीड़ एकित्रत कर कोरोना संक्रमण फैला रहे है। सूचना पर ग्राम सिरसौद से मोबाइल पार्टी जिसमें सउनि प्रेमलाल पांडेय, आरक्षक संदीप राठौर को सूचना से अवगत कराया जिस पर टीम मौके पर निकली। यहां सिरसौद चौराहे पर चैकिंग में लगे प्र.आर. सतेंद मिश्र, प्रमोद कुशवाह को साथ लेकर अमोलपठा चौकी प्रभारी पुनीत वाजपेयी को भी मामले की सूचना दी। पुलिस मुखबिर की सूचना पर बताए गए स्थान पर पहुंची। यहां पहुंचकर पुलिस ने देखा कि करीब 400 से 500 महिला-पुरुषों की भीड़ थी। जिस पर उक्त लोगों को कोरोना संक्रमण के बारे में जानकारी देकर जाने को कहा और भीड़ को तितर-बितर कर दिया। इतने में ही मंदिर पर बैठे 8-10 लोग बैठे रह गए उन्हें भी घर जाने को कहा। जब मामला खत्म कर वापस जाने लगे तो दोनों तरफ से भीड़ इकट्ठी हो गई।
भीड़ में ग्राम राजगढ़ के ही राजेश पुत्र जगराम बघेल, कल्लन पुत्र रामलखन विश्वकर्मा, नरेंद्र पुत्र कल्लू वंशकार, मदन परिहार, बालू पुत्र कन्हैया आदिवासी भीड़ को उकसा दिया और भीड़ ने पत्थरों से पुलिस पर हमला कर दिया। घटना में पुलिस के एक दर्जन से अधिक जवान घायल हो गए। पुलिस जैसे-तैसे मौके से अपनी जान बचाकर भागी। मामले में पुलिस ने धारा 188, 269, 270, 336, 294, 353, 332, 186, 147, 14, 149 ताहि. व आपदा प्रबंधन 2005 की धारा 51 व महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3 के तहत केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
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