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सवालों के घेरे में प्रधान आरक्षक की मौत

समूचे घटनाक्रम पर पर्दा डालने के प्रयास में लगा महकमा

शिवपुरी। मंगलवार को देहात थाना परिसर में संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से प्रधान आरक्षक की मौत कई सवालों के घेरे में होने के बाद भी विभाग का अमला इस घटनाक्रम पर पर्दा डालने में जुटा हुआ है। विभागीय अमले ने प्रथम दृष्टया यह जानने का प्रयास नहीं किया गया जिस पुलिस महकमे को होली उत्सव के दौरान शराबियों और हुडदंगियों को रोकने की जिम्मेदारी दी गई है वे ही स्वयं थाना परिसर में ही किस नियम के तहत थाना परिसर में ही न सिर्फ हुडदंग लीला कर रहे थे, बल्कि शराब के दौर भी चल रहे थे। ऐसा नहीं कि यह सब किसी बंद कमरे में चल रहा हो यह थाना परिसर में पूरी तरह स्वच्छंद वातावरण में चल रहा था जिसे आसपास के तमाम बच्चे और युवा देख भी रहे थे, लेकिन इसी बीच अचानक गोली चल जाने और प्रधान आरक्षक राजेन्द्र सिंह जाटव की मौत हो जाने से सबके मुंह जैसे सिल से गए और कोई भी इस घटनाक्रम पर कुछ भी कहने पर तैयार नजर नहीं आया। हर प्रत्यक्षदर्शी का बस इतना ही कहना है कि डांस के दौरान अचानक गोली चल गई और उसके बाद हमने कुछ नहीं देखा। पुलिस महकमे के आलाधिकारी भी इस समूचे मामले पर सिर्फ इतना ही कह रहे हैं कि यह सब दुर्घटनावश हुआ। कोई भी इस समूचे घटनाक्रम पर प्रकाश डालने तैयार नहीं। कुल मिलाकर जो भी हो, लेकिन पुलिस विभाग के इन कर्मचारियों की हुडदंग लीला ने एक परिवार का होली का रंग जीवनभर के लिए फीका कर दिया।

बकौल शोहराव पांचवी बोतल खुलते ही….

शिवपुरी की आवाज की टीम जब घटना के तुरंत बाद जब मामले की पड़ताल करने घटनास्थल गई तो स्वयं को सफाई कर्मचारी बताने वाले शोहराव ने जो कुछ कहा वह चौकाने वाला था। शोहराव के अनुसार परिसर के एक हिस्से में शराब पार्टी चल रही थी जिसमें देहात थाने का समूचा स्टाफ शामिल था, नहीं थे तो सिर्फ संजीव तिवारी। उसका यह भी कहना था कि यदि संजीव तिवारी होते तो यह सब नहीं हो पाता। शोहराव ने हमें बताया कि होली के हुडदंग के बीच चार बोतलें खुल चुकी थीं और एएसआई कमल सिंह बंजारा द्वारा लाई हुई पांचवी बोतल खोलने के बाद पहले दो फायर हुए और तीसरी गोली चलते ही वहां सन्नाटा पसर गया।
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