इंदौर। पिता हिंदू, मां क्रिश्चियन तो बच्चा किस धर्म का हुआ। पिता चर्च जाने लगा। बेटे ने ईसाई दीक्षा ली या नहीं, ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब ढूंढने के लिए पुलिस सात लोगों की पीढ़ियों का रिकॉर्ड खंगाल रही है। यह वे लोग हैं, जिन पर धर्मांतरण में सहयोग का आरोप हैकरीब एक महीने पूर्व जीआरपी और कुछ हिंदूवादियों ने सात बच्चों को रेलवे स्टेशन से पकड़ा था। हिंदूवादियों ने आरोप लगाया कि अनिता जोसफ और अमृत विलियम बच्चों को धर्म परिवर्तन के लिए मुंबई ले जा रहे थे। घटना के बाद बच्चों के परिजन ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगा दी।इसमें कहा कि बच्चों को धर्म परिवर्तन के लिए नहीं ले जाया जा रहा था। वह तो जन्म से ही क्रिश्चन है। पुलिस ने धर्म परिर्वतन के प्रयास का झूठा मामला दर्ज किया है। हाई कोर्ट ने आईपीएस पंकज कुमावत को जांच के आदेश दिए,कुमावत ने परिजन के बयान लिए तो उन्होंने भी धर्मपरिवर्तन की घटना से इनकार कर दिया, लेकिन जांच में पता चला कि कुछ बच्चों की मां क्रिश्चन है। उनके पिता हिंदू नाम लिखते हैं। ऐसे में बच्चों का धर्म क्या होगा।कुछ बच्चों के पिता खुद को क्रिश्चन बता रहे हैं। वह चर्च भी जाते हैं, लेकिन कलेक्टोरेट के रिकॉर्ड में धर्म परिवर्तन की जानकारी नहीं है। एक बच्चा तो गोद लिया हुआ था। उसके पिता हिंदू थे,क्रिश्चन द्वारा गोद तो ले लिया, लेकिन उसका धर्म नहीं बदला। कानून के मुताबिक बच्चे का धर्म पिता के धर्म के मुताबिक चलता है। गोद लेने के साथ-साथ धर्म परिवर्तन भी जरूरी है।
तीन पीढ़ियों का हिसाब जुटा रही है पुलिस
एएसपी पंकज कुमावत के मुताबिक इन्हीं सवालों का जवाब ढूंढने के लिए पुलिस ने बच्चे, उनके पिता और दादा का रिकॉर्ड मांगा है। बच्चों के पिता ने क्रिश्चन बताया है। उनके पिता क्रिश्चन है या नहीं यह देखा जा रहा है। कुछ लोगों द्वारा आईडीए से प्लॉट खरीदने की जानकारी मिली है। उसमें उन्होंने खुद को हिंदू बताया है। एक व्यक्ति ने एससीएसटी के प्रमाण-पत्र का फायदा उठाया है
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