इंदौर। रजनीश गुरबानी की हैट्रिक (59/6) और अनुभवी वसीम जाफर (नाबाद 61) के अर्द्धशतक की मदद से विदर्भ ने रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल के दूसरे दिन दिल्ली के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। गुरबानी रणजी ट्रॉफी के इतिहास में फाइनल में हैट्रिक बनाने वाले सिर्फ दूसरे गेंदबाज बने।हैरानी की बात यह है कि शनिवार सुबह वे अस्वस्थ थे और डिहाईड्रेशन के कारण स्टेडियम में ही उन्हें ग्लूकोज की बोतल भी चढ़ाना पड़ी थी। इसके बाद मैदान में उतरते हुए उन्होंने कीर्तिमानी प्रदर्शन किया। दिल्ली की पहली पारी 295 पर समाप्त हुई। जवाब में दिन का खेल समाप्त होने तक विदर्भ ने पहली पारी में 4 विकेट पर 206 रन बना लिए थे। टीम अभी भी 89 रन पीछे है,होलकर स्टेडियम में दिल्ली ने दूसरे दिन सुबह 271/6 से आगे पारी बढ़ाई। पहले दिन केशतकवीर धरुव शौरी (145) ने एक छोर थामे रखा, लेकिन दूसरे छोर पर गुरबानी ने अपनी 7 गेंदों के भीतर दिल्ली को समेट दिया। गुरबानी ने पारी के 101वें ओवर की आखिरी दो गेंदों पर विकास मिश्रा (7) और नवदीप सैनी (0) को बोल्ड किया। इसके बाद अपने अगले ओवर की पहली गेंद पर शौरी के डंडे बिखेरते हुए हैट्रिक पूरी की। यह गुरबानी के रणजी करियर की पहली जबकि विदर्भ के किसी गेंदबाज की चौथी हैट्रिक है। फिर कुलदीप खेजरोलिया को भी आउट करते हुए गुरबानी ने दिल्ली की पहली पारी को समेटा। गुरबानी को पहले दिन भी मांसपेशियों में खिंचाव के कारण मैच के बीच में पैवेलियन लौटना पड़ा था।इसके बाद पहली पारी में विदर्भ की शुरुआत अच्छी रही। कप्तान फैज फजल ने न सिर्फ इस सत्र का अपना छठा 50 प्लस स्कोर बनाया बल्कि संजय रामास्वामी के साथ पहले विकेट के लिए 96 रनों की भागीदारी भी की। तेज गेंदबाज आकाश सूदन ने दोनों को लगातार अंतराल में आउट करते हुए विदर्भ की रनों की रफ्तार को रोका। गणेश सतीश को सैनी ने ज्यादा जमने नहीं दिया। इसके बाद जाफर ने अपूर्व वानखाडे के साथ चौथे विकेट के लिए 73 रन जोड़ते हुए पारी संभाली। खेजरोलिया ने अपूर्व को आउट कर इस जोड़ी को तोड़ा।
45 साल बाद हुआ ऐसा
गुरबानी रणजी फाइनल में हैट्रिक लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं। उनसे पहले तमिलनाडु के बी. कल्याणसुदंरम ने 1972/73 में बॉम्बे के खिलाफ चेन्नई में हैट्रिक ली थी।
76वीं हैट्रिक
गुरबानी ने रणजी ट्रॉफी के इतिहास की 76वीं हैट्रिक ली है।
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