पोहरी से पूर्व विधायक रह चुके हैं पंडित जी
शिवपुरी। पिछोर विधानसभा क्षेत्र के पिछोर कस्बे में आज 2208 करोड़ की सिंचाई परियोजना का शिलान्यास करने आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दौरे के बाद इस विधानसभा क्षेत्र से एकाएक पोहरी के पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे की उम्मीदवारी उभर कर सामने आई है। कार्यक्रम का श्री बिरथरे ने न केवल संचालन किया। बल्कि उन्हें पर्याप्त महत्व भी दिया गया। हालांकि पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे पोहरी विधानसभा क्षेत्र से टिकट की मांग कर रहे हैं। लेकिन स्थानीय विधायक प्रहलाद भारती का टिकट कटने की आशंका बहुत कम है। श्री भारती पोहरी से लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे हैं और वह पोहरी विधानसभा क्षेत्र के एकमात्र ऐसे विधायक हैं जो लगातार दूसरी बार चुनाव जीते हैं। पिछोर से पिछले चुनाव में पराजित भाजपा उम्मीदवार प्रीतम लोधी भी मंचासीन थे और मुख्यमंत्री ने संबोधन के लिए जब उनका नाम पुकारा तो उनके नाम पर तालियां भी जोरदार बजीं। लेकिन उन्हें कार्यक्रम में ज्यादा वेटेज नहीं दिया गया। हालांकि प्रीतम लोधी और नरेंद्र बिरथरे दोनों ही स्थानीय उम्मीदवार नहीं हैं। लेकिन दोनों में समानता यह है कि दोनों ही पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के समर्थक हैं।
पोहरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने आखिरी बार विजय 1989 में प्राप्त की थी। जब भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मीनारायण गुप्ता चुनाव जीतकर तत्कालीन भाजपा सरकार में राजस्व मंत्री बने थे। इसके बाद भाजपा को पिछोर से कभी जीत हांसिल नहीं हुई। 1993 में पहली बार पिछोर से जीतने के बाद करारखेड़ा निवासी केपी सिंह हर चुनाव आसानी से जीतते रहे हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के भाई स्व. स्वामी प्रसाद लोधी, लक्ष्मीनारायण गुप्ता, पूर्व मंत्री भैया साहब लोधी, भाजपा के जिला महामंत्री जगराम सिंह यादव और प्रीतम लोधी को हरा चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में प्रीतम लोधी ने केपी सिंह से अपेक्षा के विपरीत काफी कड़ा मुकाबला किया था। लेकिन केपी सिंह साढ़े 6 हजार मतों से चुनाव जीत गए थे। सूत्र बताते हैं कि भाजपा ने इस बार तय किया है कि पिछले विधानसभा चुनाव में 5 हजार से अधिक मतों से पराजित होने वाले भाजपा उम्मीदवार को 2018 में टिकट नहीं दिया जाएगा। इस गाईडलाइन से प्रीतम लोधी टिकट की दौड़ से बाहर माने जा रहे हैं। हालांकि टिकट के लिए उनकी दौडभाग जारी है। श्री लोधी पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के समर्थक माने जाते हैं और पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे भी उनके समर्थक हैं। श्री बिरथरे 1998 के चुनाव में पोहरी से जीते थे और उमाभारती के जन शक्ति पार्टी में चले जाने के बाद उन्होंने भी भाजपा छोड़ दी थी। पिछोर में भाजपा को जो फीडबैक मिल रहा है। उसके अनुसार यहां से लोधी उम्मीदवार की जीत में शंका है। पिछोर में लोधी मतदाताओं की संख्या लगभग 50 हजार है। परंतु चुनाव में लोधी उम्मीदवार के मैदान में आने से लोधी वर्सेज ऑल कास्ट के समीकरण बन जाते हैं। इस कारण भी भाजपा प्रीतम लोधी और भैया साहब लोधी को टिकट देने में उत्सुक नजर नहीं आ रही है। यहां से चर्चा है कि भाजपा ब्राह्मण कार्ड खेलकर नरेंद्र बिरथरे को उम्मीदवार बना सकती है।
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