भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा के बाद कांग्रेस की सूची जारी होने का अनुमान
शिवपुरी। शिवपुरी जिले की पांच विधानसभा सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा लहर के बावजूद कांग्रेस को अच्छी सफलता हासिल हुई थी और कांग्रेस ने अपेक्षा के विपरीत तीन विधानसभा सीटों पिछोर, करैरा और कोलारस में विजयश्री हासिल की थी जबकि भाजपा प्रदेश में सत्ता में आने के बावजूद महज दो सीटें ही जीत पाई थी। इन दो सीटों में से तो एक सीट पर विजय शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से यशोधरा राजे सिंधिया को मिली थी जिन्होंने खुद की जीत के साथ-साथ पोहरी विधानसभा क्षेत्र में अपने विश्वस्त प्रहलाद भारती की विजय भी सुनिश्चित की थी। इससे स्पष्ट है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन कम से कम शिवपुरी जिले में बहुत खराब रहा था। इस स्थिति से उभरने के लिए जहां भाजपा प्रयासरत है वहीं कांग्रेस पर भी दवाब है, क्योंकि उसे अपनी पिछली स्थिति को बनाए रखना है। यही कारण है कि इस विधानसभा चुनाव में दोनों दल फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। खासकर कांग्रेस अधिक संचेष्ट है। भाजपा में जहां अधिकांश सीटों पर प्रत्याशियों की स्थिति साफ होती जा रही है वहीं कांग्रेस भाजपा उम्मीद्वारों पर नजरें केन्द्रित रखे हुए हैं और भाजपा उम्मीद्वारों की घोषणा के बाद ही कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा संभावित है।
जिले की पांच सीटों में से अकेले पिछोर विधानसभा सीट ऐसी है जहां से पिछले पांच चुनावों से जीत रहे केपी सिंह का टिकट एकदम तय है। हालांकि उनमें चुनाव लड़ने के लिए किंचित घबराहट नजर आ रही है। इसका कारण यह है कि पिछले चुनाव में उन्हें भाजपा के बाहरी प्रत्याशी प्रीतम लोधी से जीतने के लिए ऐड़ी से चोटी का जोर लगाना पड़ा था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक में केपी सिंह ने खुलकर कार्यकर्ताओं से पूछा था कि वह चुनाव लड़ें अथवा न लड़ें। यदि परिस्थितियां उनके अनुकूल नहीं हैं तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन इसके बाद भी पिछोर विधानसभा क्षेत्र से केपी सिंह का टिकट पक्का माना जा रहा है। अन्य चार विधानसभा क्षेत्रों में शिवपुरी सीट पर भाजपा उम्मीद्वार के रूप में पार्टी की तरफ से यशोधरा राजे की उम्मीद्वारी बिल्कुल तय है। उसमें अगर-मगर की कोई संभावना नहीं है सिर्फ यशोधरा राजे को तय करना है कि वह चुनाव लड़ेंगी अथवा नहीं। कांग्रेस शिवपुरी सीट पर नजर गढ़ाए हुए है। हालांकि कांग्रेस के नगर अध्यक्ष शैलेन्द्र टेड़िया ने सांसद सिंधिया की धर्मपत्नी प्रियदर्शिनी राजे का नाम एकदम से उछालकर इन अटकलों को बल दिया कि यदि यशोधरा राजे मैदान में नहीं उतरीं तो कांग्रेस की ओर से प्रियदर्शिनी राजे चुनाव लड़ेंगी, लेकिन यदि यशोधरा राजे चुनाव मैदान में उतरीं तो कांग्रेस की ओर से शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राकेश गुप्ता, वर्तमान अध्यक्ष सिद्धार्थ लढ़ा या कोई नाम मात्र का उम्मीद्वार घोषित किया जा सकता है। पोहरी सीट पर भाजपा की ओर से भले ही वर्तमान विधायक प्रहलाद भारती की उम्मीदवारी लगभग तय मानी जा रही हो, लेकिन एक संभावना यह भी है कि श्री भारती के स्थान पर नरेन्द्र बिरथरे, भाजपा किसान मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष रणवीर रावत को भी टिकट मिल सकता है। ऐसी स्थिति में यदि प्रहलाद भारती की उम्मीद्वारी यथावत रही तो कांग्रेस पिछले चुनाव की तरह ब्राह्मण उम्मीद्वार को टिकट देगी। हालांकि कांग्रेस के एक वर्ग का तर्क है कि भारती के मुकाबले यदि कांग्रेस धाकड़ उम्मीद्वार को चुनाव मैदान में उतारे तो इसका फायदा पार्टी को मिल सकता है, लेकिन यदि प्रहलाद भारती के स्थान पर गैर धाकड़ उम्मीद्वार को भाजपा टिकट देती है तो कांग्रेस धाकड़ उम्मीद्वार उतारने की पूरी तैयारी में है। पोहरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के पास ब्राह्मण और धाकड़ टिकट के इच्छुक उम्मीद्वारों की संख्या कम नहीं है। करैरा और कोलारस दोनों सीटों पर कांग्रेस विधायक काबिज हैं, लेकिन सूत्र बताते हैं कि दोनों सीटों पर वर्तमान विधायकों की उम्मीद्वारी एकदम से तय नहीं है। करैरा और कोलारस सीटों पर भाजपा किन्हें मैदान में उतारती है इस आधार पर कांग्रेस उम्मीद्वारी तय करेगी, क्योंकि दोनों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के खिलाफ एंटीइन्कमवंशी फैक्टर है।
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