
शिक्षकों के महत्व पर चर्चा हो रही हो उससे कोसों दूर अशोकनगर जिला
मुख्यालय की त्रिलोकपुरी कॉलोनी के एक प्रायवेट स्कूल में शिक्षक दिवस के
अगले दिन बच्चों को शिक्षक दिवस मनाने के लिए 20 और 50 रुपए नहीं लाने पर
दंडित किया गया। स्कूल के शिक्षकों ने इन बच्चों को स्कूल की छत पर मुर्गा
बनाकर चलाते रहे। यही नहीं वह बच्चों के साथ मुर्गा बनने के दौरान पीछे से
डंडे से मारते भी रहे।
बच्चों से कान पकड़कर उठक-बैठक लगवाई गई और छात्रों को हाथ ऊंचे करके खड़ा किया
त्रिलोकपुरी
कॉलोनी स्थित ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल में बच्चों को चंदा नहीं लाने के दंड
स्वरूप उन्हें मुर्गा बनाकर स्कूल की छत पर न केवल चलाया गया बल्कि उन्हें
पीछे से डंडे भी मारे गए। बच्चों पर इस तरह के दंडित करने की बात आसपास के
लोगों को रास नहीं आयी और जिस कॉलोनी में यह स्कूल है वहां के ही एक
रहवासी ने पहले बच्चों को दंडित करने की वीडियो बनाई और बाद में उसको सोशल
मीडिया पर वायरल कर दिया।
यह सजा बच्चों को पढ़ाई के लिए नहीं अपितु
शिक्षक दिवस मनाने के लिए दी जा रही थी। जिसमें बच्चों से 20 और 50 रुपए
मांगे जा रहे थे। जब बच्चे यह रुपए लेकर नहीं आए तब उन्हें दंडित किया गया।
इस दौरान कई बच्चों को कान पकड़कर दंड बैठक लगवाई गई एवं जो छात्राएं थी
उन्हें हाथ उुंचे करके खड़ा करके रखा गया। इस दौरान स्कूल के चार शिक्षक
शामिल थे।
तीन सदस्यीय दल स्कूल की जांच करने पहुंचा
वीडियो
वायरल होने के बाद जिला शिक्षाधिकारी आदित्य नारायण मिश्रा के साथ तीन
सदस्यीय दल स्कूल में उक्त मामले की जांच करने पहुंचा। जिला शिक्षाधिकारी
के साथ जिला शिक्षा विभाग के एडीपीसी बीके बामोरिया और अनिल खंतवाल ने
स्कूल पहुंचकर जब स्कूल प्रबंधन से पूछताछ करने की कोशिश की तो स्कूल
संचालक चम्पालाल उर्फ उमेद सिंह नहीं मिले। वह स्कूल से भाग गए थे। बताया
गया है कि यह स्कूल वह शासकीय सेवा में होने के बाद भी अपनी पत्नी के नाम
से संचालित कर रहे है। तीन सदस्यीय इस दल ने स्कूल के बच्चों से पूछताछ की।
बच्चे डरे और सहमे हुए नजर आए, बाद में उन्होंने अधिकारियों को सच-सच बताया
इस
दौरान बच्चे डरे और सहमे हुए थे। बच्चों ने पहले तो कुछ कहने से इंकार कर
दिया लेकिन बाद में उन्होंने हिम्मत करके बताया कि शिक्षक दिवस मनाने के
लिए उनसे 20 और 50 रुपए की मांग की गई थी। जब हम रूपये लेकर नहीं आए तो
हमें मुर्गा बनाया गया और स्कूल की छत पर चलाकर पीछे से डंडे से मारपीट की
गई। इन छात्रों में सचिन जाटव, संतोष यादव, विनोद केवट आदि ने उन्हें
विस्तार से जानकारी दी। स्कूल के शिक्षकों ने कुछ भी कहने से इंकार कर
दिया।
बच्चों को सजा देने वाले शिक्षकों पर एफआईआर के निदेश
इस
मामले में जिला शिक्षाधिकारी आदित्यनारायण मिश्रा ने बताया कि स्कूल
संचालक की तलाश की जा रही है। उक्त स्कूल का संचालन 8 वीं कक्षा तक होता है
तथा वर्ष 2016 में इसे स्वीकृति प्रदान की गई थी। इसके बाद भी इस स्कूल
में कुछ 9 वीं कक्षा के छात्र भी होना पाए जिसमें मौके पर मिले कुछ
शिक्षकों ने कहाकि उन्हें दूसरे स्कूल से लिंक करके परीक्षा दिलाई जाती है।
जबकि स्कूल कक्षा 8 तक है ऐसा कैसे किया जा सकता है।
इस संबंध में
उन्होंने कहाकि उक्त मामले में जांच की जा रही है। जांच के बाद स्कूल की
मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि स्कूली
बच्चों को इस तरह दंडित किए जाने के मामले में तीन सदस्यीय इस दल ने मामले
की जांच कर एक प्रतिवेदन कलेक्टर बी एस जामोद को सौंपा है। कलेक्टर बी एस
जामोद ने उक्त मामले में पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए है।
यह एफआईआर स्कूल के बच्चों अथवा उनके अभिभावकों की ओर से दर्ज कराई जाएगी।
अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई।
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