इंदौर,
। शहर के सभी वार्डों में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और सेग्रिगेशन के बाद 2018 में कचरे की बेहतर प्रोसेसिंग पर जोर दिया जाएगा। नए साल में चार अहम काम शुरू किए जाएंगे। नगर निगम कोशिश कर रहा है कि जल्द से जल्द प्रोसेसिंग संबंधी सभी महत्वपूर्ण सुविधाएं जुटाई जाएं। महापौर मालिनी गौड़ और निगमायुक्त मनीष सिंह चाहते हैं कि शहर में स्लज ट्रीटमेंट प्लांट, कंस्ट्रक्शन एंड डिमॉलिशन वेस्ट, ई वेस्ट निपटान और वेस्ट टू एनर्जी के प्लांट जल्द लगाए जाएं।
ये चार बड़े काम बनाएंगे शहर को परिपूर्ण
1. स्लज ट्रीटमेंट प्लांट- यह प्लांट स्थापित होने से शहर के नालों की गाद से खाद बनाने का शुरू हो सकेगा। यह काम निगम मुंबई स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के सहयोग से करेगा। कबीटखेड़ी में स्थापित होने वाला यह अपनी तरह का देश का दूसरा प्लांट होगा। अहमदाबाद में ऐसा प्लांट सफलतापूर्वक काम कर रहा है। प्लांट लगने से नाले की गाद से खाद बनाई जा सकेगी। अगले तीन-चार महीने में यह काम शुरू होगा।
2. वेस्ट टू एनर्जी प्लांट- निगम का दूसरा लक्ष्य बायपास स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित करना है। प्लांट लगने से कचरे का इस्तेमाल बिजली बनाने के लिए हो सकेगा। कंपनी को काम सौंपा जा चुका है। उम्मीद है कि दो-तीन महीनों में प्लांट लगाने का काम शुरू हो सकेगा।
3. कंस्ट्रक्शन एंड डिमॉलिशन वेस्ट प्लांट- शहर में बड़े पैमाने पर होने वाली तोड़फोड़ और कंस्ट्रक्शन वेस्ट का उपयोग नगर निगम के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए निगम कंस्ट्रक्शन और डिमॉलिशन वेस्ट से ईंट, इंटरलॉक टाइल्स, बेंच आदि बनाने का काम निजी सहयोग से करना चाहता है। यह प्लांट भी बायपास स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर लगाने की योजना है।
4. ई वेस्ट का निपटान- बड़ी मात्रा में रोज ई वेस्ट निकलता है जिसके निपटान की कोई पुख्ता व्यवस्था नगर निगम के पास नहीं है। कई स्तरों पर महापौर और आयुक्त के समक्ष यह मांग लगातार उठ रही है कि ई वेस्ट के लिए कोई कार्ययोजना निगम को बनाना चाहिए। माना जा रहा है कि 2018 में निगम विशेषज्ञों की मदद से इसके लिए योजना तैयार करेगा। निपटान के साथ निगम को यह गंभीरता से सुनिश्चित करना होगा कि ई वेस्ट का कलेक्शन किस तरह हो।
Be First to Comment