केदार सिंह गोलिया
शिवपुरी। पुरुषों पर लट्ट बरसाती महिलायें और लट्ट खाने के बावजूद बगैर शिकायत व दर्द के पुरुषो में उत्साह ये नजारा था शहर के मध्य स्थित राजपुरा रोड का जहां यादव समाज के लोगों के द्वारा लट्टमार होली का आयोजन किया गया था। गुलाल उड़ाते युवकों की टोली पर महिलायें लट्ट बरसा रही थी और ये नजारा देखने के लिए आसपास की सभी छतों पर सैंकड़ो महिलायें और पुरुष मोजूद थे। यादव समाज के लोग इस आयोजन को वर्षो से करते आ रहे है और साल दर साल इसमें लगातार सुधार कर रहे है जिससे इसको भव्यता प्रदान कर सके। भगवान श्रीकृष्ण के ये भक्त होली के त्यौहार को 5 दिनों तक मानते है और इस दौरान कई अन्य कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। इसमें कई लोगो को हल्की चोटे भी आती है, लेकिन उत्साह में कहीं कमी नहीं दिखाई देती है होली को यहाँ आपसी प्रेम और स्नेह के साथ मनाते है।
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ल_मार होली की मान्यता
इस दिन ल_ महिलाओं के हाथ में रहता है और नन्दगाँव के पुरुषों (गोप) जो राधा के मन्दिर ‘लाडलीजीÓ पर झंडा फहराने की कोशिश करते हैं, उन्हें महिलाओं के ल_ से बचना होता है। कहते हैं इस दिन सभी महिलाओं में राधा की आत्मा बसती है और पुरुष भी हँस-हँस कर लाठियाँ खाते हैं। आपसी वार्तालाप के लिए ‘होरीÓ गाई जाती है, जो श्रीकृष्ण और राधा के बीच वार्तालाप पर आधारित होती है। महिलाएँ पुरुषों को ल_ मारती हैं, लेकिन गोपों को किसी भी तरह का प्रतिरोध करने की इजाजत नहीं होती है। उन्हें सिर्फ गुलाल छिड़क कर इन महिलाओं को चकमा देना होता है। अगर वे पकड़े जाते हैं तो उनकी जमकर पिटाई होती है या महिलाओं के कपड़े पहनाकर, शृंगार इत्यादि करके उन्हें नचाया जाता है।
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यादव समाज में ल_मार होली का विशेष महत्व है और हमारे द्वारा वर्षों से इस होली का आयोजन किया जा रहा है। इस होली को लेकर युवाओं में काफी उत्साह रहता है और प्रतिवर्ष हम इसमें सुधार का प्रयास कर रहे हैं।
उपेन्द्र यादव,
प्रदेशाध्यक्ष युवा यादव महासभा
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