भी कम देना पड़ेगा। जो लोग तेज रफ्तार से लापरवाही पूर्वक अपनी गाड़ियां
चलाएंगे, उन्हें डेढ़ गुना तक ज्यादा प्रीमियम देना होगा।
इस बात पर नजर रखने के लिए बीमा कंपनियां स्मार्ट बॉक्स सिस्टम लगाएंगी
और सही तरीके से गाड़ी चलाने वालों से 50 से 60 फीसदी तक बीमे का कम
प्रीमियम लेंगी। नए सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट में 15 अक्टूबर से यह
व्यवस्था लागू करने की तैयारी केंद्र सरकार कर रही है। इस बारे में मप्र के
गृह व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा
व्यवस्था लागू करते ही प्रदेश भी उसका अनुसरण करेगा।
वर्तमान में कई लोग अपने वाहनों को लापरवाही पूर्वक चलाते हैं और एक
साल के दौरान दो से लेकर तीन-चार तक एक्सीडेंट कर देते हैं और बीमा
कंपनियों से उनकी रिपेयरिंग करवा लेते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो
अपनी गाड़ियों को अच्छे से चलाते हैं और दो-दो, तीन-तीन साल तक बीमा कंपनी
से क्लेम तक नहीं लेते। इसके बाद भी उन्हें उतना ही प्रीमियम भरना पड़ता है,
जितना लापरवाही पूर्वक गाड़ियां चलाने वालों को देना होती है। इस दोहरी
व्यवस्था पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार का राजमार्ग एवं सड़क परिवहन
मंत्रालय लगाम लगाने जा रहा है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के अनुसार इस नियम के
लागू होते ही अच्छी तरीके से वाहन चलाने वालों को खासा फायदा हो सकेगा।
उन्हें 50 से 60 फीसदी तक प्रीमियम ही देना पड़ेगा। स्मार्ट बॉक्स के नाम पर
कोई भी बीमा या वाहन निर्माता कंपनी अतिरिक्त फीस या टैक्स नहीं ले सकेगी।
इस तरह किसी भी वाहन मालिक को बीमा करवाते वक्त अतिरिक्त पैसा नहीं देना
होगा। नए सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट में यह प्रावधान किया जाएगा।
छेड़छाड़ करने पर होगी कार्रवाई
जो भी वाहन मालिक स्मार्ट बॉक्स डिवाइस के साथ छेड़छाड़ करेगा। उसकी
जानकारी जीपीएस के जरिए संबंधित बीमा कंपनी के कंट्रोल रूम तक पहुंच
जाएगी। इसके बाद उस वाहन मालिक पर बीमे की राशि के अतिरिक्त 25 से 40फीसदी
तक जुर्माना किया जाएगा।
बीमा कराने का मापदंड बदल जाएगा
अभी बीमे का प्रीमियम लेने का तरीका संबंधित वाहन का मॉडल, उसकी
कीमत व भौगोलिक उपयोग और क्षमता है। नया नियम लागू होते ही गाड़ी का उपयोग,
सावधानी से गाड़ी चलाना, कम दूरी और सामान्य रूप से कम व्यस्त समय में गाड़ी
चलाने जैसे मापदंड के आधार पर बीमा का प्रीमियम देना होगा।
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