किराएदारों पर पड़ेगी मंहगाई की मार, अभी और ढीली होगी जेब
मकान खरीदें या किराए पर लें, यह एक ऐसा प्रश्न है, जो देश के करोड़ों परिवारों को परेशान किए रहता है.
देश के प्रमुख शहरों में एक मकान की औसत कीमत में गत वर्ष के मुकाबले 3.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी आई है, जबकि इस दौरान किराए में 4.9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है और यही रुझान आगे भी बना रहेगा.अर्थयंत्र कॉपोर्रेशन ने सोमवार को अपनी वार्षिक किराया रिपोर्ट (बाय वर्सस रेंट रिपोर्ट) के पांचवां संस्करण में सोमवार को यह जानकारी दी है.
अर्थयंत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिन बी व्याकरणम ने कहा, ‘अर्थयंत्र में हम रियल एस्टेट के मूल्यों में अगले 6 से 12 महीनों के दौरान सुधार की उम्मीद कर रहे हैं. इस अवधि के दौरान ग्राहक अपने मकान खरीदने के फैसलों को अंजाम नहीं देंगे. परिणामस्वरूप, मकानों के किरायों पर वृद्धि के लिए दबाव बनेगा, क्योंकि लोग कुछ और समय किराए के मकानों में रहकर, थोड़ा इंतजार करके स्थिति का जायजा लेना चाहेंगे.’
इंदौर, कोच्चि, जयपुर और लखनऊ मकान खरीदने व किराए पर लेने के हिसाब से अधिक किफायती पाए गए, जबकि हैदराबाद और अहमदाबाद भी उतने ही किफायती हैं. मुंबई अब भी मकान खरीदने या किराए पर लेने की द़ष्टि से सबसे अधिक महंगा शहर है, जिसके बाद दूसरे स्थान पर दिल्ली है.
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